छिंदवाड़ा में जोड़-तोड़ से बनी कांग्रेस की सरकार: कांग्रेस ने अपनो को छोड़ निर्दलीय संजय पुन्हार को बनाया अध्यक्ष, BJP की क्रॉस वोटिंग से अमित बने उपाध्यक्ष

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छिंदवाड़ा32 मिनट पहले

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छिंदवाड़ा में जोड़-तोड़ से बनी कांग्रेस की सरकारअपनो को छोड़ निर्दलीय संजय पुन्हार को बनाया अध्यक्ष, BJP की क्रॉस वोटिंग से अमित बने उपाध्यक्षछिंदवाड़ा में कांग्रेस जिला पंचायत में गोंडवाना और निर्दलीय प्रत्याशी के गठबंधन से अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही थी यहां निर्दलीय चुनाव लड़े संजय पुन्हार को कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष प्रत्याशी घोषित किया था ।

जिसके बाद उन्होंने जिला पंचायत में बतौर अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। भाजपा के पास अनुसूचित जाति का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था ऐसे में भाजपा यहां अध्यक्ष पद की दावेदारी नहीं कर पाई और ऐसे में संजय पुन्हार निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए।

गोंडवाना के सहयोग से अमित सक्सेना बने उपाध्यक्ष

अध्यक्ष पद गंवाने के बाद भाजपा जिला पंचायत उपाध्यक्ष का चुनाव भी हार गई। यहां कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद के लिए अमित सक्सेना को प्रत्याशी बनाया था जबकि भाजपा की तरफ से संदीप मोहोड़ को प्रत्याशी बनाया गया था। जब यहां वोटिंग हुई तो अमित सक्सेना को 15 वोट मिले जबकि संदीप मोहोड़ 9 वोट ही ले पाए भाजपा का एक वोट रिजेक्ट हो गया। बीजेपी की क्रॉस वोटिंग के चलते अमित सक्सेना चुनाव जीत गए।

गौर किया जाए तो उपाध्यक्ष चुनाव में भी कांग्रेस को गोंडवाना का सहारा लेना पड़ा हालांकि कुछ भाजपा समर्थित सदस्यों ने अमित सक्सेना को क्रॉस वोटिंग की।

कांग्रेस की रणनीति रही कामयाब

जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस का मैनेजमेंट काफी प्रभावी रहा। निर्दलीय चुनाव जीते संजय पुन्हार को पहले पूर्व सीएम कमलनाथ के समक्ष सदस्यता दिलाई गई उसके बाद उन्हें अध्यक्ष पद के लिए नामित किया गया ऐसे में कांग्रेस को अंदरूनी तौर पर यह डर था कि अध्यक्ष पद के पूर्व दावेदार कहीं लॉबिंग ना करें इसलिए उन्हें संजय के नामांकन के दौरान जिला पंचायत सदस्य लाया ही नहीं गया।

नीलिमा पाटिल नहीं पहुंची जिला पंचायत

सौसर क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य चुनाव जीती नीलिमा पाटिल को जिला पंचायत चुनाव से दूर रखा गया। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के ही चुनाव में जिला पंचायत नहीं पहुंची जिसको लेकर यह कहा जा रहा है कि वह भी अध्यक्ष पद की दौड़ में थी। खासकर कांग्रेस को यह डर था कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष के चुनाव में वह क्रॉस वोटिंग कर सकती है ऐसे में उन्हें चुनाव से दूर रखा गया।

अध्यक्ष से ज्यादा उपाध्यक्ष का हुआ स्वागत

चुनाव जीतने के बाद जैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बाहर आए तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष को छोड़कर उपाध्यक्ष अमित सक्सेना का ज्यादा स्वागत किया। यहां उपाध्यक्ष को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई जबकि अध्यक्ष पीछे की पंक्ति में खड़े नजर आए।

बंटी के खिलाफ लगे नारे

जिला पंचायत चुनाव जीतने की खुशी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला पंचायत सभा कक्ष के बाहर भाजपा जिला अध्यक्ष बंटी साहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने एक के 12 बंटी हारा जैसे नारे लगाए। कांग्रेस कार्यकर्ता काफी उत्साहित भी नजर आए। यहां लगभग 15 से 20 मिनट तक जमकर नारेबाजी होती रही।

किसके पास थे कितने नंबर

जिला पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद कुल 26 जिला पंचायत क्षेत्रों में से भाजपा के कुल 11 और कांग्रेस की कुल 13 जिला पंचायत सदस्य चुनाव जीते थे। हालांकि भाजपा ने कॉन्ग्रेस के बड़े नेता अरुण परते को एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल कर लिया था।

ऐसे में भाजपा के पास कुल 12 सदस्य हो गए थे। वही कांग्रेस ने गोंडवाना के महेश धुर्वे और निर्दलीय चुनाव जीते संजय पुन्हार को अपने खेमे में शामिल कर लिया जिसके बाद कांग्रेस के पास 14 सदस्य हो गए थे।

हालांकि कांग्रेस की सदस्य नीलिमा पाटिल चुनाव से नदारद रही तो यहां गोंडवाना के समर्थन से कॉन्ग्रेस 13 संख्या बल के साथ मजबूत रही और उपाध्यक्ष चुनाव में दो भाजपा सदस्य क्रॉस वोटिंग से कब्जा कर लिया।

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