शिवपुरी38 मिनट पहले
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अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य में शहर से लगे माधव नेशनल पार्क शिवपुरी के सेलिंग क्लब पर शुक्रवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सीसीएफ एवं पार्क संचालक सीएस निनामा ने बताया कि दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है। बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य को लेकर इसकी शुरूआत की गई है।
लोगों को बाघ की प्रजातियों के खत्म होते अस्तित्व के प्रति जागरूक करते हैं। दरअसल, वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट केमाधव नेशनल पार्क शिवपुरी और शक्तिशाली महिला संगठन के तत्वावधान में शुक्रवार की शाम अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम समन्वय रवि गोयल ने बताया कि बाध दिवस की शुरूआत साल 2010 से हुई है।
रूस के पीटर्सबर्ग में एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस में 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया था। एसडीओ माधव नेशनल पार्क अनिल सोनी ने कहा कि बाघों की विलुप्त होती प्रजातियों पर चिंता जताते हुए बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2022 की थीम बाघों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया है। बाघों के संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने सेमिनार रखे जाते हैं।
देश में तीन साल में 329 बाघों की मौत, 2019 में 96 मौतेंकार्यक्रम में बताया गया कि भारत सरकार ने देश में बाघों की स्थिति के बारे में जानकारी दी है। पिछले तीन सालों में 329 बाघों की मौत हुई है, जिसके प्राकृतिक और अप्राकृतिक कारण रहे हैं। वहीं साल 2019 में 96 बाघों की मौत हो चुकी है। हालांकि अब शिकार के मामलों की संख्या में कमी आई है।
पार्क में बाघ लाने को लेकर भी चर्चा हुईमाधव नेशनल पार्क में टाइगर सफारी से पहले फ्री रेंज के लिए बाघ लाने को लेकर सीसीएफ निनामा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बाघों को लाने से पहले की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बाघों को खिलाने के लिए पार्क में पर्याप्त संख्या में शाकाहारी जानवर हैं। इसलिए आने वाले समय में नेशनल पार्क में टाइगर लाने की तैयारी अंतिम दौर में चल रही है।
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