Hindi NewsLocalMpBhopalTeenagers Are Fighting Their Tongue; Parents Do Not Know How To Treat Children According To Age?
भोपाल24 मिनट पहलेलेखक: संदीप राजवाड़े
मेरी मर्जी मैं चाहे जो करूं… मुझे बार-बार मत टोका करिए… ज्यादा मत बोलिए… आजकल ज्यादातर टीनएजर्स अपने पेरेंट्स या बड़ों से ऐसे बात करते मिल जाएंगे। पेरेंट्स को इसकी वजह सिर्फ मोबाइल और ऑनलाइन गेम की लत और कुछ मामलों में नशा भी लगता है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। बच्चों के बदलते व्यवहार के पीछे पालन-पोषण के तरीकों का भी अहम रोल है। भोपाल की चाइल्ड साइकेट्रिस्ट की केस स्टडी में यह बात सामने आई है कि 95% पेरेंट्स को ऐज पेरेंटल स्किल की जानकारी ही नहीं। यानी वे नहीं जानते कि बच्चों की उम्र के अनुसार उनसे किस तरह और कैसा व्यवहार करना चाहिए। पेरेंट्स टीनएजर्स से भी 5-6 साल के बच्चे जैसा बर्ताव करते हैं, ऐसे में बच्चे गुस्सैल ओर चिड़चिड़े हो रहे हैं।
ताजा मामला भोपाल से सामने आया है। जहां 11 जुलाई को शाहजहांनाबाद इलाके में 15 साल के बिशन चिंदालिया ने मां पर हाथ उठा दिया। उसे रोक-टोक पसंद नहीं थी। बिशन नशे का आदी था। बड़े भाई किशन ने उसे कमरे में बंद कर दिया तो उसने तोड़फोड़ की। किशन ने उसे बाहर निकाला और घर से कुछ दूर ले गया। बिशन ने पत्थर उठाकर हमला कर दिया। गुस्साए बड़े भाई ने पास ही पड़ी कांच की बोतल से उस पर कई वार कर दिए। अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। इस तरह के केस को लेकर चाइल्ड साइकेट्रिस्ट का कहना है कि पेरेंट्स न तो पढ़े-लिखे थे और न ही उनकी तरफ से उन्हें बेहतर माहौल दिया गया। गलत संगत और नशे की लत ने टीनएजर बिशन को ऐसा बना दिया।
बच्चों के बदलते बिहेवियर पर कुछ पेरेंट्स ने साइकेट्रिस्ट की मदद ली। साइकेट्रिस्ट को पेरेंट्स ने क्या कुछ बताया और साइकेट्रिस्ट का क्या कहना है, जानते हैं…
– ग्राफिक्स- जितेंद्र कुमार ठाकुर
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