Hindi NewsLocalMpShahdolThe Weight Of Children’s Bags Should Not Become A Burden, The Commissioner Said For Their Physical And Intellectual Development, Teach Carpenter, Agriculture, Gardening, Painting
शहडोल5 मिनट पहले
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शहडोल। आज स्थानीय मानस भवन में जिला शिक्षा विभाग द्वारा संभागीय समीक्षा बैठक कमिश्नर राजीव शर्मा की उपस्थिति में आयोजित की गई। जहां कमिश्नर ने बैठक में आए स्कूलों के संस्था प्रमुखों से सुझाव प्राप्त किया कि, बच्चों के बस्ते का वजन घटाने के लिए क्या प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा, स्कूल बैग नीति 2020 के तहत कई उपायों बताए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों के बस्ते का वजन उनके लिए बोझ न बने।
विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, विद्यार्थी देश का भविष्य हैं, उनके भविष्य संवारने जहां एक ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक है। दूसरी ओर इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि, विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ कम से कम हो। उन्होंने बताया, नेशनल स्कूल बैग पॉलिसी के अनुसार विद्यार्थियों के बस्ते का वजन उनके वजन का 10 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
प्री-प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए कोई बैग नहीं और कक्षा 12वीं तक छात्रों के लिए अधिक से अधिक 5 किलो वजन हो। अलग-अलग कक्षाओं के लिए स्कूल बैग के लिए अलग अलग वजन निर्धारित किए गए हैं और इसके लिए चार्ट भी बनाया गया है।
स्कूलों के प्राचार्य अपने टाइम टेबिल बनाते समय इस चार्ट का परिपालन करायें, बच्चों के बस्ते के वजन का बैंच मार्क सर्वे किया जाए और उसकी फोटो आदि व्हाटसएप के माध्यम से संयुक्त संचालक शिक्षा एवं डीपीसी को भेजा जाए। क्लास टीचर बच्चों के बस्तों का समय-समय पर वजन लें। बच्चे वहीं किताब लेकर आएं, जिन्हें निर्धारित दिन पढ़ाना है।
कक्षा 6वीं से 8वीं तक के स्कूलों में 10 दिवस शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के लिए नो बैग डे भी निर्धारित करें और उन्हें कारपेंटर, एग्रीकल्चर, गार्डनिंग और लोकल चित्रकला आदि भी सिखाई जाए।
संयुक्त संचालक को निर्देशित किया, हायर सेकेण्ड्री एवं हाई स्कूलों में बाउण्ड्रीवाल, खेल मैदान हो जहां यह सुविधा नहीं है, जानकारी भी उपलब्ध कराएं। स्कूलों में वृक्षारोपण हो, जिससे विद्यार्थियों को स्वच्छ प्राणवायु मिले। 8 अगस्त तक विद्यार्थियों के बस्ते का वजन कम करने सभी मिशन की तरह प्रयास किये जाएं। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन डीपीसी डॉ. मदन त्रिपाठी ने किया।
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