Hindi NewsLocalMpBhopal’Red Spot’ Is Also Included In The Parameters Of The Clean Survey, If The Ranking Is To Be Improved, Then The Habit Of Spitting Here And There Will Have To Be Changed.
भोपाल23 मिनट पहलेलेखक: विशाल त्रिपाठी
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रेड स्पॉट की आम हो चुकी लोकेशन
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की गाइडलाइन में नए पैमाने जुड़े, पुराने के नंबर बढ़ाएपिछले साल के मुकाबले डेढ़-डेढ़ हजार नंबरों का इजाफा
राह चलते कहीं भी पान या गुटखा थूकने को लेकर भोपाल को इस बार नई चुनौती मिलने जा रही है। रैंकिंग सुधारने के लिए इस बार पहली मर्तबा रेड स्पॉट कम करने के भी नंबर जुड़ेंगे। रेड स्पॉट यानी ऐसे सार्वजनिक स्थान, जहां लोग पीक थूक देते हैं। अब यदि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में रैंकिंग सुधारनी है तो लोगों को हर कहीं थूकने की आदत बदलनी होगी।
2022 में हुए सर्वे में यलो स्पॉट यानी ओपन यूरीनेशन स्पॉट को शामिल किया था। नई गाइडलाइन में यलो स्पॉट के नंबर भी 10% से 18% कर दिए हैं। भोपाल निगम को मिला ये टारगेट पिछले सभी टारगेट जैसा मुश्किल होगा, क्योंकि इससे पहले भी सभी बिंदुओं पर सिर्फ खानापूर्ति ही हुई है। पिछले साल भोपाल देश के सबसे साफ शहरों में 7वें नंबर पर था।
पिछले साल के मुकाबले डेढ़-डेढ़ हजार नंबरों का इजाफा
सिटीजन वॉइस के नंबर 1 से बढ़कर 13% हुए
1. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के नंबर 10 से 13% कर दिए गए हैं।हालात- कुछ कॉलोनियां ऐसी भी हैं, जहां एक दिन छोड़कर भी कचरा कलेक्ट होता है।
2. प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के नंबर 2 से बढ़ाकर 10% हो गया है।हालात- प्रतिबंध के बाद भी केवल छोटे व्यापारियों पर कार्रवाई।
3. स्वच्छ वार्ड-सिटीजन वॉइस के अंक 1 से बढ़कर 13% हो गए हैं।हालात- सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को दबाव देकर बंद करवा देते हैं।
4. इस बार वेस्ट टू वंडर पार्क के लिए 2% अंक होंगे।हालात- वंडर पार्क कई बने, लेकिन इन्हें बढ़ावा देने पर काम नहीं हुआ।
5. यलो स्पॉट के अंक इस बार 18% अंक होंगे, पहले 10% ही होते थे।हालात- निगम की स्वच्छता टीम ने इसे लेकर कोई ठोस काम नहीं किए, इनकी संख्या बेहद ज्यादा है।
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