Hindi NewsLocalHaryanaRohtakCyber Team Failing To Catch Thugs, Withdrawing Money From Bank Accounts Of Thugs Of Madhya Pradesh And Chhattisgarh
रोहतक18 मिनट पहले
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दर्ज किए गए 90 मामलों में से एक भी साइबर अपराधी को पुलिस पकड़ नहीं सकी। साइबर थाने में दर्ज मामलों में अलग-अलग पीड़ितों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई है।
अगर आपके फोन पर भी करोड़पति बनाने के मैसेज आ रहे हैं या कोई भी व्यक्ति आपको लाभ पहुंचाने का लालच देकर आपके खाते की जानकारी मांग रहा है तो सावधान हो जाएं। जरा सी लापरवाही आपको ठगी का शिकार बना सकती है। ऐसे में आपके खाते का पैसा कहीं और ट्रांसफर हो सकता है। ऐसा ही कुछ पिछले दिनों शहर में देखने को मिला। जहां लोगों के मोबाइल पर करोड़पति बनाने के संदेश भेजे गए। रजिस्ट्रेशन या अन्य किसी बात में उलझाकर इन साइबर ठगों ने खाता धारकों से ओटीपी पूछा और उनके खाते से पैसे निकल गए।
इसकी शिकायत लेकर वह साइबर थाने गए, लेकिन वहां भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी। ऐसे ठगों को ट्रेस करने में साइबर टीम फेल साबित हो रही है। जिले के विभिन्न थानों में बनी साइबर हेल्प डेस्कों पर इस साल 1806 शिकायतें आईं। इनमें 1182 का निपटारा कर दिया गया। हालांकि दर्ज किए गए 90 मामलों में से एक भी साइबर अपराधी को पुलिस पकड़ नहीं सकी। साइबर थाने में दर्ज मामलों में अलग-अलग पीड़ितों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई है।
इस मामले में साइबर थाने के प्रभािरयों का कहना है कि यहां पर आधुनिक संसाधन न होने के कारण अपराधियों को ट्रेस करने में दिक्कत आ रही है। अधिकांश अपराधी रोहतक से बाहर के होते हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी भी नहीं हो पाती है। ठगी से बचने के लिए जागरुकता ही एक उपाय है। अगर लोग अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को न दें तो वह ठगी होने से बच सकते हैं।
सब पैसे का चक्कर है… लालच में आकर लोग दे रहे व्यक्तिगत जानकारी, ठग उठा रहे फायदा
ये हैं अनट्रेसिंग के कारण1. साइबर ठग फेंक आईडी से क्राइम को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में इन्हें तलाश में काफी समय लग रहा है।2. ज्यादातर साइबर ठग अन्य राज्यों से वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, ऐसे में इन तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है।3. दिल्ली, गुरुग्राम जैसे संसाधन जिले के साइबर थाने के पास नहीं है, कई मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की मदद की जरूरत पड़ती है।ये हैं अनट्रेसिंग के कारण
मध्य व दक्षिण भारत की आती है लोकेशनसाइबर क्राइम में संलिप्त आरोपियों का जब पता लगाया जाता है । तो इनमें से ज्यादातर की लोकेशन मध्य भारत के राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित दक्षिण भारत के राज्यों में पाई जाती है। हालांकि वहां टीम के जाने पर भी इनका अता-पता नहीं मिलता। कई मामलों में साइबर ठग प्रदेश व आसपास के प्रदेश के ही पाए गए हैं, ऐसे मामलों को विगत में पुलिस ने ट्रेस भी किया है।
सतर्कता बरतें; अज्ञात को न दें जानकारीसाइबर क्राइम थाना रोहतक के प्रभारी इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि जब भी किसी अनजान नंबर से फोन आए तो चेक कर लें कि उस पर स्पैम तो नहीं लिखा है। वाट्सएप पर अनजान नंबरों से आए लिंक को बिल्कुल भी ओपन न करें। गूगल से किसी संस्था, बैंक आदि का नंबर लें तो उसे क्रॉस चेक जरूर कर लें।
1182 केसों का निपटारा; 10 लाख रिकवर कर पीड़ितों को लौटाए: एएसपी मेधाजिले में साइबर अपराध की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी सांपला एएसपी मेधा भूषण ने बताया कि 6 माह में 1182 केसों का निपटारा कर पीड़ितों को 10 लाख रुपए लौटाये गए। वहीं 624 शिकायतों का निपटारा अभी तक नहीं हो सका है। साइबर क्राइम की बढ़ोत्तरी को देखते हुए हर माह के पहले बुधवार को साइबर जागरुकता के रूप में मनाया जा रहा है। लगातार मीटिंग आयोजित कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। साइबर अपराध से बचने के लिए आम लोगों को ग्राम पचांयत, स्कूल, कॉलेज, पार्को आदि सार्वजनिक स्थानों पर जागरूक किया जा रहा है।
जुलाई में हुई साइबर क्राइम की बड़ी घटनाएं, ट्रेसिंग का इंतजार1. बीपीएस महिला यूनिवर्सिटी खानपुर में प्रोफेसर महिला से दो लाख की साइबर ठगी की। जिसकी डीपी पर युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की फोटो भी लगी थी। मैसेज दिया कि वह एक जरूरी मीटिंग में है और 10-10 हजार रुपये के 20 गिफ्ट पैक के लिंक भेज दीजिए।
2. गांव चिड़ी निवासी जसबीर ने कपड़ों की ऑनलाइन सेलिंग के लिए गूगल से एक कोरियर कंपनी का नंबर लिया। फोन करने पर युवक ने सर्विस शुरू करने से पहले पांच रुपये कंपनी को ऑनलाइन माध्यम से भेजने को कहा। भेजे गए लिंक पर डिटेर भरी तो आठ बार में 95,794 की राशि काट ली।
3. निंदाना निवासी युवक राजेश को साइबर ठग ने वाट्सएप पर लिंक भेजकर कमीशन का लालच देकर एक साइट पर रीचार्ज करने के बदले कमीशन देने का ऑफर दिया। 1 लाख 20 रुपये की राशि निकाल ली।
4. शास्त्री नगर निवासी जोगेंद्र ने नापतोल बाजार से शॉपिंग की थी। पार्सल में स्क्रैच कार्ड भी था। ठग ने डीटीएस के नाम पर 9400 रुपये भेजने के लिए कहा। यह रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी।
5. ज्वेलरी शॉप चलाने वाले शिवाजी कॉलोनी निवासी राहुल को ठग महिला ने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए क्रेडिट कार्ड को एक्टिव करने की बात कही। इसके बाद खाते से 91,808 की राशि निकाल ली।
महिला वकील से सोफा खरीदने के नाम पर 60 हजार रुपए की ठगीरामगोपाल कॉलोनी में वकील ज्योति अहलावत से सोफा खरीदने के नाम पर 60 हजार रुपए की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। महिला की शिकायत पर अर्बन स्टेट थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला वकील ने पुलिस को बताया है कि उसने अपने सोफा को बचने के लिए ओएलएक्स पर पोस्ट डाली थी। इसे लेकर एक फोन उनके पास आया। युवक ने सोफे का दाम चुकाने के लिए लाइव लोकेशन मांगी। इसके बाद एक क्यूआर कोड भेजकर कहा कि इसे स्केन कर लो।
कोड को स्केन करते ही खाते से 10 हजार रुपए कट गए। युवक से इसकी शिकायत की तो उसने कहा दोबारा स्केन करो पैसे वापस लौट आएंगे। दोबारा स्केन करने पर खाते से फिर 10 हजार रुपए कट गए। रिफंड होने के लिए वह बार-बार स्केन करती गई और पैसे कटते गए, कुल मिलाकर 60 हजार रुपए कट गए। मामले में आईएमटी थाना पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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