नागपंचमी पर विशेष: सर्पमित्रों ने 6 महीने में 230 सांपों का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा; रसेल वाइपर, करैत जैसे खतरनाक सांपों से हो चुका है सामना

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बालाघाटएक घंटा पहले

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सर्पमित्र

आज नागपंचमी है। कटंगी क्षेत्र में सर्पदंश की घटनाएं रोकने तथा सांप को सुरक्षा प्रदान करने के मकसद से कटेधरा में स्नैक रेस्क्यू टीम कार्य कर रही है, जो एक कॉल पर खतरनाक सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों में छोड़ते हैं।

टीम ने बीते छह महीनों में करीब 230 सांपों का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा है। दो युवाओं की इस टीम में राहुल राणा और किरण ठाकरे हैं, जो अपने क्षेत्र में सर्पमित्र के नाम से जाने जाते हैं।

बताया गया कि दोनों सर्पमित्रों ने रामटेक में सांपों को सुरक्षित पकड़ने के लिए बतौर प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। दोनों की इस अनोखी पहल को देखते हुए वन विभाग ने भी उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

सुरक्षा अपनाए, सांप देख उसे मारे नहीं

राहुल ओर किरण ने बताया कि सर्पदंश से बचने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। खेत, जंगल या अन्य ऐसे स्थान, जहां जहरीले सांप होने की संभावना रहती है, वहां हमेशा जूते पहनकर जाएं। चलते वक्त आवाज करते रहें। ये दुख की बात है कि लोग सांप को देखते हुए उससे बचने के लिए मार देते हैं।

ऐसा करना गलत है। इससे सांपों की कई दुर्लभ प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। जब कभी घर-आंगन, खेत में सांप दिखाई दे या उससे किसी खतरे का आभास हो तो उन्हें सूचना दें।

तिरोड़ी, बिसापुर के जंगलों में छोड़ते हैं सांप

किरण और राहुल ने बताया कि अभी तक पकड़े गए सारे सांपों को तिरोड़ी, बिसापुर जंगल और परसवाड़ाघाट के जंगलों में सुरक्षित छोड़ा गया है। इनमें नाग सांप, रसेल वाइपर, करैत, धामन, अजगर, वुल्फ स्नैक, कॉमन सैंड बोआ, वाटर स्नैक, इंडियन स्पीटिकल कोबरा आदि प्रजातियों के सांप शामिल हैं।

बताया गया कि गत दिनों कटंगी के खमरिया में दूध फैक्ट्री में नाग सांप निकलने की सूचना मिली। उसका रेस्क्यू करने के लिए दोनों को करीब दो घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।

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