ऑपरेशन आहट: ट्रेनों से मानव तस्करी… लड़कियों से 5 गुना ज्यादा लड़के हाेते हैं अगवा, भोपाल से पिछले साल 36 लड़के हुए गायब

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भोपाल3 मिनट पहलेलेखक: अनुराग शर्मा

कॉपी लिंकदेशभर से इस साल जुलाई में 151 लड़कों, 32 लड़कियों और 3 महिलाओं को आरपीएफ ने तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। - Dainik Bhaskar

देशभर से इस साल जुलाई में 151 लड़कों, 32 लड़कियों और 3 महिलाओं को आरपीएफ ने तस्करों के चंगुल से छुड़ाया।

ट्रेनों से होने वाली मानव तस्करी में लड़कियों की तुलना में दो से पांच गुना ज्यादा लड़के अगवा हो रहे हैं। घरेलू बेगार करवाने से लेकर अंग प्रत्यारोपण और मादक पदार्थों की तस्करी में सबसे ज्यादा लड़कों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

भोपाल से लेकर पश्चिम-मध्य रेल जोन के साल-2021-22 और देशभर के जुलाई महीने के आंकड़े देखने पर यह बात साफतौर पर सामने आ रही है कि लड़कियों के मुकाबले लड़कों का उपयोग काफी बड़ी संख्या में किया जा रहा है।

पश्चिम-मध्य रेल जोन के प्रवक्ता राहुल जयपुरियार का कहना है कि आरपीएफ द्वारा ट्रेनों में होने वाली मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इससे आने वाले कुछ महीनों में आंकड़ों में कमी आने के आसार हैं।

यौन शोषण, देहव्यापार, जबरन मजदूरी, दबाव देकर शादी, घरेलू बेगार करवाना, गोद देना, भीख मंगवाना, अंगों का प्रत्यारोपण करवाना, मादक पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान भिजवाने के लिए लड़के और लड़कियों का इस्तेमाल मुख्य रूप से किया जाता है, जबकि समाज में बच्चों की मानव तस्करी को संगठित अपराध मानते हुए मानवाधिकार के हनन के रूप में भी देखा जाता है।

इसके बाद भी आपराधिक मानसिकता के लोग इस तरह के अपराध को करने में भी नहीं चूकते। ट्रेनों को देश का मुख्य आवागमन का साधन माना जाता है और इसका उपयोग भी लगातार मानव तस्करी के लिए किया जाता है।

जुलाई 2022 में ऑपरेशन आहटजुलाई 2022 में ऑपरेशन आहट में 151 लड़कों, 32 लड़कियों (कुल 183 नाबालिगों) व 3 महिलाओं को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया। साथ ही 47 मानव तस्कर भी धरे गए। अभियान के जरिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया कि वे ट्रेन से की जाने वाली मानव तस्करी के खिलाफ लामबंद हो जाएं।

इस तरह कर रहे

स्टेशनों व ट्रनों में तैनाती, सभी जोन के माध्यम से देश में अपनी पहुंच के चलते अब आरपीएफ का मानव तस्करी रोधी यूनिटों (एएचटीयू) के रूप में उपयोग किया जाने लगा है। इसी के तहत आरपीएफ ने पिछले कुछ समय में मानव तस्करी के विरुद्ध ऑपरेशन आहट (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) नामक अभियान शुरू किया।

आरपीएफ की कार्रवाई

5 साल में बच्चों, महिलाओं व पुरुषों को बचाया…कमान और नियंत्रण की क्षमता के चलते आरपीएफ की पहुंच पूरे देश में है। इसलिए आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा संबंधी शिकायतों का समाधान करने सिस्टम भी डेवलप कर लिया है।

पिछले 5 सालों के आंकड़े देखें तो (2017, 2018, 2019, 2020 और 2021) के दौरान आरपीएफ ने 2178 लोगों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया और बच्चों, महिलाओं व पुरुषों को सुरक्षित किया। यहां बता दें कि आरपीएफ अब तक देशभर में 750 एएचटीयू की स्थापना कर चुका है।

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