शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने कहा-: विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना सच्ची राष्ट्रभक्ति, शिक्षकों के हाथ में विद्यार्थियों का भविष्य

अनूपपुर39 मिनट पहले

कॉपी लिंक

शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा बुधवार को अनूपपुर पहुंचे। कमिश्नर ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को संबोधित किया। कमिश्नर ने कहा कि विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना सच्ची राष्ट्र भक्ति है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक सदैव यह महसूस करें कि वे देश की सेवा विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देकर कर रहे हैं। शिक्षक अपने शिक्षा के दायित्वों को जाने। छात्रों में शिक्षा के प्रति ललक जगाएं। यह शिक्षकों की नैतिक दायित्व एवं जिम्मेदारी है।

बच्चे को ढालने में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण

कमिश्नर ने कहा कि हमारा विद्यालय और यहां के विद्यार्थी सबसे बेहतर हैं, यह हमें समझने की आवश्यकता है। विद्यार्थी कर्मठ होगा या कामचोर होगा, वह रोजगार वाला होगा या बेरोजगार। उसके अंदर राष्ट्र की चेतना होगी या वह जातिगत विष से भरा हुआ होगा, उसके अंदर वैश्विक मुद्दों की समझ होगी या क्षेत्रीयता का जहर होगा या वह सह अस्तित्व बनेगा। यह शिक्षक के हाथ में है कि शिक्षक आने वाला भविष्य हम किस प्रकार गढ़ रहा हैं।

स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर

कमिश्नर ने कहा कि समस्त विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं, समस्त विद्यालय समय पर खुले, निर्धारित समय तक पढ़ाई हो, आज हमारे विद्यालय का जितना अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर है, इतिहास में कभी भी इतना अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर विद्यालयों का नहीं था।

बिना भेदभाव के हो शिक्षा

अच्छे कार्य करते समय अगर निराशा हो तो मेरी एक बात का ध्यान रखें कि सूरज निर्धारित समय में उगता है, बिना किसी भेदभाव, जाति धर्म, बिना गोरा काला देखे सबको रोशनी देता है और नियमित समय में डूब जाता है, वह कभी किसी से शिकायत नहीं करता। उसी प्रकार शिक्षक भी प्रयास करें तथा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

7 दिनों के अंदर निर्धारित हो बस्ते का वजन

कमिश्नर ने निर्देशित करते हुए कहा कि 7 दिन के अंदर यह सुनिश्चित हो जाना चाहिए कि कोई भी बच्चे का बस्ता निर्धारित 10 प्रतिशत वजन से ज्यादा न हो। बच्चों को बोझ मुक्त कराना यह सभी शिक्षकों का परम दायित्व है।

निष्ठा एवं ईमानदारी से करें काम

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोनिया मीना ने कहा कि विद्यार्थी आने वाले भारत के भविष्य हैं। इन्हें बस्ते के बोझ से निजात दिलाना सभी शिक्षकों का परम दायित्व है, यह दायित्व सभी शिक्षक पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ निभाएं, जिससे भारत का भविष्य सुरक्षित हो सके।

खबरें और भी हैं…

error: Content is protected !!