नरसिंहपुर32 मिनट पहले
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नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में इस वर्ष शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज, सदानंद सरस्वती जी महाराज, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का चातुर्मास चल रहा है। यहां रोज धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। पूज्य सदानंद सरस्वती महाराज के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। इसमें श्रद्धालु धर्मलाभ ले रहे हैं।
कथा के दौरान सदानंद सरस्वती महाराज ने भागवत कथा प्रसंग में वेद वेदांत स्मृति ग्रंथ पुराण में वर्णित धर्म का विस्तृत व्याख्यान किया। उन्होंने कहा कि जीवन का फल तत्व जिज्ञासा है। भोग, वेशभूषा हमारी पहचान नहीं है। हमारा ज्ञान, चरित्र, आचरण ही हमारी पहचान है। भगवान का होने के पश्चात भगवान की भक्ति होती है। हमारे शरीर को चेतनता प्रदान करने वाले को हम ईश्वर के रूप में जानते हैं।
उन्होंने कहा कि जो भी भगवान के अवतारों की कथा श्रवण करता है। उनके सारे पाप दूर हो जाते हैं। वह जन्म बंधन के सारे कष्टों से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान ने व्यास अवतार धारण कर एक ही वेद के 4 भाग किए। 18 पुराणों, उपपुराणों की रचना की। राम अवतार धारण कर लोक शिक्षा प्रदान की, कैसे धर्म का पालन करना चाहिए।
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