इंडियन इकोनॉमी में 550 बिलियन डॉलर का योगदान देगा एमपी: CM शिवराज दिल्ली में नीति आयोग की मीटिंग में हुए शामिल

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भोपालएक घंटा पहले

सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग की शासी परिषद की 7वीं बैठक में शामिल हुए। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में सीएम ने कहा भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर ईकोनॉमी (अर्थ-व्यवस्था) बनाने में मध्यप्रदेश 550 बिलियन डॉलर का योगदान देगा। सीएम ने कहा 21वीं सदी के आत्म-निर्भर भारत के प्रधानमंत्री मोदी के व्यापक विजन को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहा है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत के निर्माण में नीति आयोग की बड़ी भूमिका है। नीति आयोग किस तरह राज्यों की ताकत बनता है, मध्यप्रदेश उसका प्रमुख उदाहरण है। संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की।

गडकरी के साथ हुई एमपी के प्रोजेक्ट्स पर चर्चा

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस वे और एमपी में बनने वाले हाईवे, फ्लाई ओवर को लेकर अफसरों के साथ मीटिंग में चर्चा की।

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलते सीएम शिवराज सिंह चौहान

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलते सीएम शिवराज सिंह चौहान

विकास दर 19.74 प्रतिशत पहुंची

बैठक में सीएम ने बताया प्रदेश में साल 2020 में ही आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बना लिया था। मध्यप्रदेश ने साल 2021-22 में 19.74 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत पूंजीगत व्यय कर रहा है और वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 48 हजार 800 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है। रोजगार सबसे बड़ी प्राथमिकता है और अगले एक साल में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की जायेगी। हितग्राही मूलक योजनाओं में सौ प्रतिशत सेचुरेशन के लिए विशेष अभियान चलाये जायेंगे।

कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा मप्र में सरसों और ग्रीष्मकालीन मूंग के रकबे में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूँ और धान के स्थान पर कृषि विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से दाल, रागी, जौ, मोटे अनाज, कोदो-कुटकी, रामतिल, तिल, मसाले, औषधीय फसलें, फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना में आईटीसी, पतंजलि, देहात जैसी प्राइवेट कम्पनियों से एक लाख 86 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि विविधीकरण में 13 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से दो प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा देवारण्य योजना शुरू की गई है, जिसमें तीन वर्षों में 10 हजार हेक्टेयर भूमि में औषधीय पौधों का उत्पादन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले 5 सालों में प्रदेश में 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मिशन मोड में बाँस उत्पादन किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश में राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया गया है।

डिजिटल एग्रीकल्चर के इनोवेशन

खेती में आधुनिक तकनीक के उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए सीएम ने बताया कि फसल बीमा पंजीयन को राज्य के लैण्ड रिकार्ड से जोड़ा गया है, जिससे ओवर और डुप्लीकेट इन्श्योरेंस को रोकने में सफलता मिली है। साथ ही बीमा भुगतान में उपज आकलन के लिए सेटलाइट आधारित रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। प्रौद्योगिकी के इन प्रभावी उपयोग से कृषि सेक्टर में लगभग 2500 करोड़ रूपये की बचत संभावित है। किसानों और राजस्व अमले की सुविधा के लिए ई-गिरदावरी एप्लीकेशन लागू कर दिया गया है। किसानों को अपनी उपज का विक्रय अपने घर से उचित मूल्य पर करने के लिए “फार्म गेट एप” भी विकसित किया गया है। प्रदेश में कृषि यंत्रों में सबसिडी का भुगतान ई-रूपी व्हाउचर से करने का निर्णय लिया गया है।

स्कूल शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2021 के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मप्र देश में 5वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एडाप्ट एन आंगनवाड़ी अभियान से आंगनवाड़ियों के कायाकल्प में जनता को जोड़ने का सफल अभियान चलाया जा रहा है। जहाँ एक ओर आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-प्राइमरी शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उच्च गुणवत्ता वाले 9200 सी.एम. राइज स्कूल खोले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष में लगभग 18 हजार 500 स्कूल शिक्षकों की भर्ती की गई है। स्कूल में विद्यार्थियों को साइकल वितरण में भी ई-रूपी का उपयोग किया जायेगा।

उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन

सीएम ने बैठक में बताया मप्र में मातृभाषा में पढ़ाई शुरू करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज में सत्र 2022-23 से एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में शुरू की जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक कार्यक्रम और 6 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के विद्यार्थियों को पीएम गतिशक्ति परियोजना से जोड़ने के लिए एक सुनियोजित रूपरेखा तैयार की जा रही है। साथ ही प्रदेश में नई खेल संस्कृति का विकास किया जा रहा है, जिससे हमारे खिलाड़ी विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि देश-भक्ति और अनुशासन विकसित करने के लिए एनसीसी और एनएसएस में विद्यार्थियों की भागीदारी को प्रदेश में कुल विद्यार्थियों का तीन प्रतिशत तक बढ़ाने की कार्यवाही की जा रही है।

600 करोड की अनुपयोगी संपत्तियों का मॉनेटाइजेशन हुआ

नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में लगभग 600 करोड़ रूपये की अनुपयोगी सम्पत्तियों को चिन्हित कर मॉनेटाइज किया जा चुका है। जीआईएस और दूसरी तकनीकों का उपयोग कर सभी शहरों में विकास योजना तैयार की जा रही है और पीएम गतिशक्ति में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और लॉजिस्टिक हब तैयार करने का कार्य भी प्रारम्भ किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नगरीय विकास में नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए “नगर गौरव दिवस” का आयोजन किया जा रहा है। सभी नगरीय निकायों में 23 सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं।

एमपी ने देश में पहला राज्य सांख्यिकी आयाेग बनाया

सीएम ने कहा देश में पहली बार प्रदेश में राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन किया गया है, जिसके द्वारा विकासखण्ड से लेकर राज्य स्तर तक आंकड़ों को एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने का कार्य किया जायेगा। नीति आयोग के सहयोग से मध्यप्रदेश नीति एवं योजना आयोग में एक वर्टिकल बना कर विभिन्न योजनाओं के प्रभाव आकलन हेतु विशेष कदम उठाये गये हैं। प्रदेश में 50 आकांक्षी विकासखण्डों का निर्धारण कर उनके विकास का तंत्र विकसित किया गया है। प्रदेश में नई जल नीति और नई सहकारिता नीति का भी निर्माण किया जा रहा है।

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