Hindi NewsLocalMpBhopalCounting Of Butterflies Only In Bhoj Wetland In 64 Ramsar Sites Of The Country, So That Bhopal Remains Ahead In Biodiversity Index
भोपाल34 मिनट पहलेलेखक: वंदना श्रोती
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जिन इलाकों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा, वहां तितलियां नहीं होती हैं
15 अगस्त से दिसंबर तक चलेगी गणना, सिर्फ तितलियों पर रिसर्च करने वाले ही शामिल हो सकेंगेइसका अहम मकसद है कि बायोडायवर्सिटी इंडेक्स में भोपाल अव्वल आए
देश की पहली रामसर साइट भोज वेटलैंड में बायोडायवर्सिटी के लिए तितली की गणना की जाएगी। 15 अगस्त से शुरू होकर दिसंबर तक चलने वाली यह गणना वैज्ञानिक तरीके से होगी। इसके लिए 45 से अधिक ट्रेल बनाई जाएगी।
इस संबंध में वाइल्ड लाइफ मुख्यालय, बायोडायवर्सिटी बोर्ड, क्षेत्रीय विज्ञान संग्रहालय, भोपाल बर्ड्स और व्हीएनएस नेचर सेवियर की बैठक में निर्णय लिया गया है कि इस गणना में तितली पर रिसर्च करने वाले ही शामिल होंगे। बायोडायवर्सिटी बोर्ड के सदस्य सचिव अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि देश में 64 रामसर साइट है, लेकिन गणना सिर्फ भोज वेट लैंड रामसर साइट में हो रही है। इसका अहम मकसद है कि बायोडायवर्सिटी इंडेक्स में भोपाल अव्वल आए।
जिन इलाकों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा, वहां तितलियां नहीं होती हैं
वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर सुनील सिन्हा ने बताया कि तितली की गणना से भोज वेटलैंड की रामसर साइट में बायोडायवर्सिटी व यहां के प्रदूषण के स्तर का पता लगेगा। दरअसल प्रदूषण के प्रति तितलियां बेहद संवेदनशील होती हैं। जिन क्षेत्रों में तितलियां नहीं होती, वहां प्रदूषण का स्तर अधिक है। तितलियों की मौजूदगी प्रदूषण मुक्त वातावरण का संकेत है।
ईको सिस्टम का अहम हिस्सा है तितलियां
बर्ड संस्था के मोहम्मद खालिक का कहना है कि इको सिस्टम में तितलियां एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। यदि ईको सिस्टम की कोई भी कड़ी टूटती है तो उसका प्रभाव पूरे सिस्टम पर पड़ेगा। तितलियां परागण जैसी प्रक्रिया को पूरी करने में अहम भूमिका निभाती हैं। यदि तितलियां न हो तो कई प्रजातियों की वनस्पतियां पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी।
यहां हुई तितलियों की गणना
फरवरी में हुई गणना में वन विहार में 43, रातापानी सैंक्चुरी में 103, कलियासोत नगर वन में 46 प्रजाति की तितलियां चिह्नित थीं।
देशभर से ये विशेषज्ञ पहुंचेंगे भोपाल
दिल्ली से फैयाज खुदसर, बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी से डॉ. राजू कसम्बे, जुलाजी सर्वे ऑफ इंडिया से डॉ. प्रत्युषा महापात्र, आई बटरफ्लाई से डॉ. शुभ लक्ष्मी, पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव,वाइल्ड लाइफ मुख्यालय से एपीसीसीएफ शुभरंजन सेन, सारंग महात्र सहित तितलियां पर रिसर्च करने वाले विशेषज्ञ रहेंगे।
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