भोपाल23 मिनट पहलेलेखक: अनूप दुबोलिया
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पानी में डूबा बाणगंगा राेड।
लगातार बारिश…भदभदा के 3, कलियासोत के 5 गेट खोले गएमध्यप्रदेश के नजदीक दो विपरीत दिशाओं की पूर्वी और पश्चिमी हवाएं आपस में मिल रही
मंगलवार से शुरू हुए बारिश का दौर बुधवार को भी जारी रहा। प्रदेश के सभी 52 जिलों में जमकर पानी बरसा। भोपाल में बुधवार तड़के तेजी से पानी बरसा। हालत यह थी कि भोपाल शहर में 3 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। इसके साथ ही शहर में सीजन की जरूरत की बारिश भी पूरी हो गई। 17 साल में ऐसा दूसरी बार हुआ जब मानसून सीजन खत्म होने के 51 दिन पहले ही बारिश का कोटा भी पूरा हो गया।
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के मुताबिक बीते 17 सालों में 2016 में ही ऐसा हो सका था। मानसून सीजन 30 सितंबर तक माना जाता है। भोपाल में सीजन के कोटे की बारिश का पैमाना 42 इंच माना जाता है। शुक्ला ने बताया कि हमारे यहां बारिश के लिए जरूरी मानसूनी सिस्टम और मानसून ट्रफ लाइन का असर लगातार बना रहा। इसके कारण सीजन में जून, जुलाई और अगस्त में हर महीने बारिश के एक-एक दौर आए। जुलाई में बारिश का 25 दिन लंबा दौर रहा था। इस वजह से सीजन खत्म होने के 51 दिन पहले ही बारिश की जरूरत पूरी हो गई।
सीजन में पहली बार खुले केरवा के गेट
ये सिस्टम करा रहे ऐसी बारिश
पूर्वी मध्य प्रदेश के पास बेल्ट मार्क लो प्रेशर एरिया 5.8 किमी ऊंचाई पर चक्रवात के साथ बना हुआ है। मानसून ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश के राजगढ़ होकर गुजर रही है।मध्यप्रदेश के नजदीक दो विपरीत दिशाओं की पूर्वी और पश्चिमी हवाएं आपस में मिल रही है। इसे सियर जोन कहा जाता है।
दो दिन बाद बंगाल की खाड़ी में एक और बड़ा सिस्टम
मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने बताया कि अगले एक-दो दिन और कभी कम, कभी ज्यादा बारिश होने की संभावना है। 13 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक और लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इसका असर भी होगा।
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