इंदौर32 मिनट पहले
अगस्त माह में प्रदेश के लगभग सभी 52 जिले तरबतर हो गए हैं। 24 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। जबकि अभी अगस्त और सितंबर का पूरा महीना बारिश होना है। मंगलवार और बुधवार को हुई बारिश के कारण इंदौर, उज्जैन, भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिलों के तालाब, बांध और झरने भी बह निकले। इंदौर का यशवंत सागर हो या सिरपुर तालाब। उज्जैन का गंभीर डेम हो या देवास में शिप्रा, कालीसिंध नदियां। सब उफन गई हैं। रतलाम के सैलाना से पांच किमी दूर केदारेश्वर झरने की खूबसूरती देखते ही बन रही है। बांधों और तालाबों के फुल होने से प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में पीने के पानी का संकट खत्म हो गया है। मंगलवार-बुधवार को बारिश की स्थिति ये रही कि प्रदेश के कई बांधों के गेट खोलना पड़ गए। इतना ही नहीं यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने लगी है। अगले वीकेंड पर कई युवा, परिवार घूमने जाने का प्लान बना चुके हैं।
दैनिक भास्कर के साथ ड्रोन कैमरे से इन बांध व झरनों का एक साथ एक ही जगह वर्चुअल टूर करिए, केवल यहीं…ऊपर VIDEO में क्लिक कर देखिए झरने-तालाबों, बांधों की खूबसूरती की सैर…
रतलाम के नजदीक विंध्याचल की पहाड़ियों के बीच केदारेश्वर महादेव मंदिर में झरना पूरे वेग से बहने लगा।
उज्जैन में रामघाट पर शिप्रा नदी के किनारे बने मंदिर पानी में डूब गए। उज्जैन-बड़नगर पुल भी बंद हो गया।
इंदौर का पातालपानी का झरना भी बहने लगा है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।
भोपाल में 10 घंटे में 1 इंच बारिशराजधानी में गुरुवार सुबह से ही रिमझिम और तेज बारिश का दौर जारी है। इससे डेम ओवरफ्लो हो गए हैं। केरवा, कलियासोत और भदभदा डेम के 1-1 गेट खोल दिए गए हैं। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में गुरुवार को सुबह साढ़े 8 से शाम साढ़े 5 बजे के बीच शहर में 1 इंच बारिश हुई। जबकि सीजन में अब तक 37 इंच बारिश हो चुकी है। इससे पहले बुधवार रातभर बारिश होती रही। जिससे शहर के कई इलाकों में पानी भर गया। होशंगाबाद रोड स्थित बाग मुगालिया में 20 से ज्यादा और ललिता नगर मार्केट की अधिकांश दुकानों में पानी भर गया। गुरुवार सुबह कलियासोत डेम में एक मछुआरा फंस गया। जिसे रेस्क्यू कर बचाया गया। शाम को डेम से एक मगरमच्छ बाहर निकल आया। जिसका रेस्क्यू किया गया।
भारी बारिश के कारण केरवा डेम के गेट खोले गए।
जबलपुर में भी भारी बारिश जारीनर्मदा नदी के कैचमेंट में तेज बारिश का दौर जारी है। इससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। जबलपुर से 22 किलोमीटर दूर स्थित बरगी डेम भी लबालब होने को है। डेम में पानी का स्तर 417.70 मीटर हो चुका है। जो फुल रिजरवायर लेवल से महज 4 मीटर कम है। यहां बता दें डेम का फुल रिजरवायर लेवल 421 मीटर है। प्रदेश में हो रही बारिश के चलते ऐसा अनुमान है कि अगले एक-दो दिन नर्मदा नदी के कैचमेंट में बारिश की रफ्तार यही रही तो 15 अगस्त को डेम के गेट खोले जा सकते हैं।
जबलपुर में नर्मदा लबालब। लगातार बढ़ रहा जलस्तर।
तवा डैम के धीरे-धीरे गेट किए जा रहे बंदनर्मदापुरम जिले के तवाडैम के 13 गेट में से गुरुवार शाम को केवल 3 गेट से ही पानी छोड़ा जाते रहा। जबकि बुधवार को डैम के सभी 13 गेट खोलने की स्थिति बनी थी। डैम के कैचमेंट एरिए पचमढ़ी, बैतूल में लगातार बारिश और सतपुड़ा डैम से पानी छोड़ने की वजह से तवाडैम में जलस्तर बढ़ते रहा। जिस कारण सभी गेट 10-10 फीट तक खोले गए। गुरुवार सुबह 6 बजे 6 गेट बंद किए गए। 12 बजे के बाद 3 गेट ओर बंद किए गए। गुरुवार रात 8 बजे 3 गेट 5 फीट तक खुले रहे। जिससे 23385 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा। तवा डैम का जलस्तर 1166 फीट है। वर्तमान में 1158.3फीट जलस्तर बना हुआ है।
मालवा : मालवा के जिलों में सबसे कम बारिश राजस्थान-गुजरात से सटे जिलों में रिकॉर्ड की गई। यहां के जिलों में सबसे ज्यादा सूखा अलीराजपुर है। यहां अब तक 66% ही बारिश हुई है। जबकि रतलाम, धार, मंदसौर में 90% से ज्यादा बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश देवास में हुई है। यहां 155% बारिश अब तक हो चुकी है। इसके बाद शाजापुर में 124% बारिश दर्ज की गई है।
ऐसे समझें मालवा में बारिश की स्थिति
निमाड़ : निमाड़ के चारों जिलों बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और बड़वानी में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। बुरहानपुर में 159% बारिश रिकॉर्ड की गई है।
ऐसे समझें निमाड़ में बारिश की स्थिति
ग्वालियर-चंबल : यहां सबसे ज्यादा बारिश राजस्थान से सटे श्योपुरकलां में 141% दर्ज की गई। गुना, ग्वालियर और भिंड में भी औसत से अधिक बारिश हो चुकी है। इस क्षेत्र के अशोक नगर, मुरैना और शिवपुरी में भी अगस्त माह में औसत बारिश का कोटा पूरा हो सकता है।
ऐसे समझें ग्वालियर-चंबल में बारिश की स्थिति
विंध्य-महाकौशल : यहां के 15 जिलों में से सबसे ज्यादा बारिश छिंदवाड़ा में रिकॉर्ड की गई है। यहां 165 प्रतिशत बारिश अब तक हो चुकी है। इसके बाद सिवनी में 131% बारिश हुई है। इस क्षेत्र के सर्वाधिक सूखे जिलों में शहडोल, नरसिंहपुर, अनूपपुर, बालाघाट और जबलपुर हैं।
ऐसे समझें विंध्य-महाकौशल में बारिश की स्थिति
बुंदेलखंड : प्रदेश का सबसे ज्यादा सूखा हिस्सा बुंदेलखंड का है। उप्र से सटे इस क्षेत्र के एक भी जिले में सामान्य बारिश भी नहीं हुई। हालांकि दो जिले निवाड़ी और सागर शत-प्रतिशत के करीब हैं। यहां सबसे कम दमोह में बारिश हुई है।
ऐसे समझें बुंदेलखंड में बारिश की स्थिति
भोपाल-नर्मदापुरम : 8 जिलों में ही सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। बैतूल में सबसे ज्यादा 168 प्रतिशत बारिश हुई है। यह प्रदेश का सबसे अधिक बारिश वाला जिला बन गया है। इसके बाद भोपाल में 167 और नर्मदापुरम व सीहोर में 138% बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है।
ऐसे समझें भोपाल-नर्मदापुरम में बारिश की स्थिति
आगे क्या
मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में मानसून पूरी तरह से फिर से एक्टिव हो चुका है, ऐसे में अभी अगले एक दो दिन तक मौसम ऐसा ही रहने की संभावना है। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से नदी नाले फिर से उफान पर हैं, ऐसे में प्रशासन ने नदियों के किनारे बसे गांवों को लेकर अलर्ट भी जारी किया है।
खबरें और भी हैं…