भाई ने लिया रक्षा का वचन: बहनों ने तिलक लगाकर भाई को बांधा रक्षा सूत्र, शहर से लेकर गांवों तक दिखी त्यौहार की खुशी

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सीधी13 मिनट पहले

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भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार इस बार भद्रा के चलते दो दिन मनाया जा रहा है। कुछ लोगों ने कल गुरुवार को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया तो कुछ लोगों आज शुक्रवार को मनाएंगे।

रक्षाबंधन पर जिले भर में बहनों ने भाइयों को तिलक करके मिठाई खिलाई और उनकी कलाई पर राखी बांधी। भाइयों ने बहनों की रक्षा का संकल्प लिया। कल गुरुवार को दिन निकलते ही बहनों का घर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। घरों में पकवान बनाए गए।

जिले के विभिन्न शहर, कस्बे और गांव में कल शाम से लेकर आज सुबह तक रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त पर बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। इस पर्व का इंतजार बहने लंबे समय से कर रही थी और कई दिनों पहले से तैयारियों में जुटी थी।

बाजार रहा गुलजार

बाजारों में भी रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर कई दिनों से खासी रौनक दिख रही थी। त्यौहार को लेकर बाजार में जगह-जगह राखियों की दुकानें सजी हुई थी। बहनों के अपने भाइयों के घर पहुंचने के चलते बसों में भी दो दिनों से काफी भीड़ बनी हुई है। वहीं त्यौहार को लेकर बाजार में सुबह से दोपहर तक रौनक छाई रही।

बस स्टैंड से लेकर बाजार तक भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी। त्यौहार में राखी, मिठाई, कपड़े सहित अन्य उपहार की दुकानों में जमकर खरीदी की गई। शहर में मिठाई की दुकानों पर खूब भीड़ रही। वहीं बहनों को उपहार देने के लिए साडियां, सलवार सूट, जिंस, टी-शर्ट सहित बच्चों के कपड़े की भी अधिक की बिक्री हुई।

क्या है मान्यता

रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा जाने वाला पवित्र धागा रक्षा बंधन का त्यौहार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। भाई-बहन के अटूट रिश्ते प्यार और समर्पण वाला त्यौहार रक्षाबंधन आज गुरुवार को उल्लास पूर्वक जिले भर में मनाया गया।

रक्षाबंधन का त्यौहार हिन्दू धर्म के बड़े त्यौहारों में से एक है, जिसे देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या रक्षा सूत्र बांधकर उसकी लंबी आयु और मंगल कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी प्यारी बहना को बदले में भेंट या उपहार देकर हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं।

बच्चों में दिखा ज्यादा उत्साह

त्यौहार को लेकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में काफी खुशी देखी गई। गरीब परिवारों ने भी त्यौहार को लेकर काफी तैयारियां की थी। ज्यादातर लोग रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर अवकाश पर रहे। श्रमिक वर्ग के लोग भी घर में ही रहकर त्यौहार की खुशियां दिन भर मनाते रहे।

कल कजलियां का होगा विसर्जन

रक्षाबंधन के दूसरे दिन कजलियां उत्सव की धूम रहती है। कजलियां की तैयारियां ग्रामीण क्षेत्रों में कई दिनों से की जा रही थी। सुख-समृद्धि व प्रेम सद्भाव के प्रतीक के रूप में कजलियां एक दूसरे को भेंट की जाती है। कल शुक्रवार की शाम जवारे की कजलियां विसर्जन के लिए लेकर युवतियां पवित्र जलाशयों या नदियों के तट पर पहुंचेंगी। यहां कजलियां का विसर्जन किया जाएगा।

इसके बाद कजलियां मंदिरों में भगवान को अर्पित कर एक दूसरे को भेंट की जाएंगी। ये सिलसिला शाम से लेकर रात तक अनवरत रूप से चलता रहेगा। जिन क्षेत्रों में कजलियां पर लोगों की भीड़ ज्यादा होती है, वहां पुलिस भी तैनात रहेगी। जिला मुख्यालय में गोपालदास मंदिर के समीप सूखा नदी में कजलियां प्रवाहित करने की परंपरा सालों से रही है।

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