भिंड में यूरिनरी ब्लैडर से निकाली लोह की कील: बुजुर्ग की पेशाब की थैली में फंसी थी 4 इंच की लोह की कील, एक घंटे के ऑपरेशन के बाद निकाली

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भिंड7 घंटे पहले

कॉपी लिंकमरीज का ऑपरेशन करते हुए चिकित्सक। - Dainik Bhaskar

मरीज का ऑपरेशन करते हुए चिकित्सक।

भिण्ड जिला चिकित्सालय में पहली बार ऐसा ऑपरेशन हुआ किसी व्यक्ति के शरीर के अंदर एक साल से लोह की कील 4 इंच लंबी कील फंसी हो। मरीज दर्द से तड़पता हो। जब इस बात की जानकारी जिला अस्पताल प्रबंधन को लगी। अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गाेयल ने पूरे मामले में रूचि दिखाई। इसके बाद सर्जीकल स्पेशलिस्ट डॉ प्रतीक मिश्रा ने मरीज की पीड़ा को ऑपरेट किया। करीब एक घंटे चले ऑपरेशन में मरीज की यूरिनरी ब्लैडर से 4 इंच लंबी लोह की कील को निकाला गया। अब मरीज पूर्णत: स्वास्थ्य है।

मरीज के पेशाब की थैली से निकाली लोह की कील।

मरीज के पेशाब की थैली से निकाली लोह की कील।

अल्ट्रासाउंड में दिखी कील, डॉक्टर्स रहे आश्चर्य में

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गाेयल ने बताया कि उदोतपुरा गांव में रहने वाले 60 वर्षीय श्री कृष्णा पुत्र जगराम करीब एक साल से यूरिनरी ब्लैडर में होने वाले असहनीय दर्द से पीड़ित थे। जब उनका ऑपरेशन चिकित्सकों ने किया तो उसमें लोह जैसी नुकील धातु दिखी। ये देखकर डाॅक्टर आश्चर्य में पड़ गए। आखिर यूरिनरी ब्लैडर में लोह की 4 इंच लंबी कील कैसे पहुंची। इसके बाद इस केस को सर्जीकल स्पेशलिस्ट डॉ प्रतीक मिश्रा को दिया गया। सर्जीकल स्पेशलिस्ट डॉ मिश्रा ने मरीज की सभी जांच देखी। इसके बाद का अल्ट्रासाउण्ड, एक्सरा कराया गया तथा आवश्यक ब्लड से संबंधित जांचें भी निःशुल्क कराई गई। जब डॉ मिश्रा इस मरीज की रिपोर्ट में पेशाब की थैली में 4 इंची लोहे की कील होने की बात से पुष्ट हुए। इसके बाद ऑपरेशन करके निकालने का निर्णय अस्पताल प्रबंधन द्वारा लिया गया।

मरीज के यूरिनर ब्लैडर का एक्शरा कराने पर दिखी कील।

मरीज के यूरिनर ब्लैडर का एक्शरा कराने पर दिखी कील।

ऐसे हुआ ऑपरेशन

डॉ. मिश्रा द्वारा पूरे केस से सिविल सर्जन डॉ. गोयल को अवगत कराया। इसके बाद डॉ. गोयल ने बुजुर्ग मरीज व उसके परिजनों को ऑपरेशन हेतु समझाइश दी गई कि ऑपरेशन कराना होगा, उसमें किसी भी प्रकार का खतरा नही है। मरीज ने स्वयं की आर्थिक तंगी का हवाला भी दिया जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने जिला अस्पताल में ही निःशुल्क ऑपरेशन किए जाने की बात कही। इस पर मरीज व उसके परिजन ऑपरेशन के लिये सहमत हो गये। इसके बाद ऑपरेशन हेतु टीम गठित की गयी जिसमें जिसमें सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल (एनीस्थीसिया विशेषज्ञ), सर्जीकल स्पेशलिस्ट डॉ. प्रतीक मिश्रा एवं नर्सिंग ऑफीसर श्यामा शाक्य, प्राची पंडोरिया एवं श्वेता शर्मा थी। उक्त मरीज का टीम द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन काफी जटिल था जिसमें करीब एक घंटे का समय लगा ऑपरेशन के बाद उसकी पेशाब की थैली में 4 इंची की लोहे की कील निकली। ऑपरेशन के बाद मरीज पूर्णत: स्वास्थ्य है।

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