भोपाल एमआईसी: उमा के समर्थक बाडिका बाहर रामेश्वर, गुप्ता की भी नहीं चली

भोपाल35 मिनट पहले

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शहर सरकार का मंत्रिमंडल यानी एमआईसी गुरुवार को घोषित हो गया। इस सूची पर महापौर मालती राय के हस्ताक्षर 14 अगस्त के हैं और कमिश्नर वीएस चौधरी भी सूची 14 अगस्त को मिल जाने की बात कह रहे हैं लेकिन किसी के पास जवाब नहीं है कि 5 दिन तक सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की गई?

भाजपा के स्थानीय नेताओं में हो रहे विवाद के कारण अब तक एमआईसी सदस्यों के विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। महापौर मालती राय ने 6 अगस्त को शपथ ग्रहण की थी और 8 अगस्त को पहली बैठक में सभापति किशन सूर्यवंशी का चुनाव हुआ था।

पहली बैठक के 7 दिन के अंदर एमआईसी का गठन किया जाना चाहिए। लेकिन विधायकों और अन्य नेताओं के बीच विवादों के कारण नाम तय नहीं हो पा रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर सुरेंद्र बाडिका को पार्षद का टिकट तो दिलवा दिया लेकिन एमआईसी में जगह नहीं दिला पाईं। बाडिया इस परिषद में भाजपा के सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं।

एमआईसी सदस्य – क्यों जगह मिली

रवीन्द्र यती -दूसरी बार के पार्षद, संगठन की पसंद (हुजूर)राजेश हिंगोरानी-दूसरी बार पार्षद, संगठन की पसंद (हुजूर)सुषमा बवीसा – दूसरी बार, राहुल कोठारी का नाम (मध्य)अशोक वाणी- पहली बार पार्षद, मंत्री सारंग के खास (नरेला)आनंद अग्रवाल – पहली बार पार्षद, सारंग के खास (नरेला)छाया ठाकुर – पहली बार पार्षद, कृष्णा गौर ने रखा नाम (गोविंदपुरा)जितेंद्र शुक्ला – पहली बार, जिलाध्यक्ष का नाम (गोविंदपुरा)मनोज राठौर – दूसरी बार पार्षद, आलोक शर्मा के खास (उत्तर)जगदीश यादव – मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिया नाम (द.प.)आरके सिंह बघेल – पहली बार के पार्षद, जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी के साथ राहुल कोठारी ने भी किया समर्थन (द.प.)

कृष्णा गौर 3 सीट मांग रही थीं, एक को ही जगह मिली

गोविंदपुरा से सबसे ज्यादा 17 पार्षद जीतने के आधार पर विधायक कृष्णा गौर 3 सीट मांग रहीं थीं। हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने करिश्मा मारण और रूमा राजपूत के नाम दिए थे। पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बृजुला सचान, आरती अनेजा और गिरिजा खटीक के नाम दिए थे।

पर्यवेक्षक राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार ने 5 वरिष्ठ और 5 नए पार्षदों के नाम तय कर महापौर मालती राय को सौंप दिए। इसमें गोविंदपुरा को दो जगह मिली। इनमें भी कृष्णा गौर की पसंद केवल 1 है। उमाशंकर गुप्ता और रामेश्वर शर्मा के नाम एमआईसी में जगह नहीं पा सके। नगर निगम के 10 विभागों में से 3 स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग और जलकार्य पर सबकी निगाह है।

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