ग्वालियर2 घंटे पहले
रंग बिरंगी रोशनी से सजा सनातन धर्म मंदिर
शहर भर के मंदिरों की सजावट देखने लायक थी
ग्वालियर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया है। दो साल बाद कोरोना की छाया भगवान के जन्म पर नहीं थी। शुक्रवार रात 12 बजे मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और मंदिर गूंज उठे, नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की। बधाई हो बधाई, जन्मे कृष्ण कन्हाई। शुक्रवार रात शहर के सनातन धर्म मंदिर, गोपाल मंदिर और अचलेश्वर मंदिर, द्वारिकाधीश सहित अन्य मंदिरों की छटा देखते ही बन रही थी।
भगवान के जन्म के उत्सव में श्रीकृष्ण भक्त चूर नजर आ रहे थे। गोपाल मंदिर में करोड़ों के हीरे-जवाहारात से श्रृंगार किया गया था। शहर के सनातन धर्म मंदिर में भगवान को झुलाने नया झूला बनवाया गया था। यह सवा लाख रुपए का बना है। सब कुछ भूलकर शहर श्रीकृष्ण भक्ति में रमा नजर आ रहा था।
भगवान श्रीकृष्ण नए वस्त्र और पोशाक में
सनातन धर्म मंदिर में आकर्षण का केन्द्र रहा झूलासनातन धर्म मंदिर में सुबह भगवान श्रीचक्रधर एवं श्रीगिरिराजधरण का पंचामृत से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूर्ण विधि विधान से अभिषेक किया गया शाम को श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन कराए गए। सनातन धर्म मंदिर में पंजीरी एवं माखनमिश्री का भोग तैयार किया गया था जो भगवान के जन्म के बाद श्रद्धालुओं को वितरित किया गया। रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के साथ पट खोल दिए गए। शनिवार को नंदोत्सव मनाया जाएगा। सनातन धर्म मंदिर के प्रधानमंत्री ने बताया कि इस बार भगवान श्रीकृष्ण का झूला आर्कषण का केन्द्र रहा। सागोन की लड़की से लगभग सवा लाख रुपए में यह खास जन्माष्टमी के लिए तैयार कराया गया है।द्वारिकाधीश मंदिर में विशेष श्रृंगार और पूजाशहर के थाटीपुर स्थित द्वारिकाधीश मंदिर को जन्माष्टमी के मौके पर रंग-बिरंगी आकर्षक लाइटिंग के साथ फूलों से सजाया गया था। भगवान का विशेष शृंगार किया गया था। रात 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के बाद लड्डू गोपाल को भक्तों ने पालना में झुलाया और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जयकारे लगाए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर पूजा अर्चना की।अचलनाथ पर भी मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सवअचलेश्वर मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को सजाया गया। अचलेश्वर युवा भक्त मंडल द्वारा फूलबंगला लगाया था। भगवान अचलनाथ का का भी विशेष श्रृंगार किया गया। राधा कृष्ण मंदिर में रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होते ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान सभी भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण को पालना झुलाया।गोला मंदिर में देर रात तक लगी रही भीड़- शहर के गोपाल मंदिर में भगवान राधा-श्रीकृष्ण ने 100 करोड़ के सिंधिया रियासत कालीन गहने पहने थे। उनका आकर्षण देखते ही बन रहा था। 100 करोड के गहनों से सजे भगवान को देखने देर रात तक सड़क पर लाइन लगी रही। इस दौरान ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था संभालने 200 से ज्यादा पुलिस जवान व अफसर तैनात रहे। रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म पर वहां पालना झुलाया गया और आरती की गई।भक्त भी श्रीकृष्ण-राधा के रूप में नजर आए- सनातन धर्म मंदिर आई स्वाप्निल श्रीवास्ताव का कहना था कि उनके लिए जन्माष्टमी सबसे पसंदीदा त्यौहार है। पिछली बार कोरोना के चलते भगवान को टच नहीं कर सकते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इसलिए बहुत अच्छा लग रहा है।- हिमानी शर्मा अपनी सहेली के साथ राधा के गेटअप में सनातन धर्म मंदिर आई थीं। हिमानी का कहना था कि श्रीकृष्ण भक्ति में वो नशा है जो किसी की भक्ति में नहीं है। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी उनको बहुत अच्छी लग रही है। इस बार कोरोना की काली छाया नहीं है।
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