विश्व मलेरिया दिवस: मलेरिया रोकथाम के लिए पर चला जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों को खत्म करने के दिए टिप्स

बालाघाट9 मिनट पहले

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बालघाट जिला पूर्व में अति मलेरिया प्रभावित जिला था, चूंकि यहां बांस के घने जंगल होने और पानी की निकासी के अभाव मलेरिया का प्रभाव गंभीर रूप से था। कोरोना के बाद से मलेरिया का प्रभाव कम हुआ है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने विश्व मलेरिया दिवस मनाया। आम जनता को संदेश दिया गया कि अपने घरों के आसपास गड्ढों और नालियों में पानी एकत्र न होने दें और उनमें मच्छर न पनपने दें।

मच्छरों को खत्म करने के लिए गड्ढों, नाली में फिनाइल का छिड़काव करें। मच्छरों से मलेरिया डेंगू और अन्य बीमारी हो सकती है। इससे बचाव के लिए शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहने और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

जिले में एंबेड परियोजना भी मलेरिया के प्रति जन जागरुकता का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में शनिवार को दमोह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खंड चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में मलेरिया दिवस मनाया गया। इस वर्ष मलेरिया से 600से अधिक मरीज प्रभावित हुआ है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि प्रति वर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। 20 अगस्त 1897 को ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रोस ने इस बात की खोज की थी कि मादा एनाफिलीज मच्छर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच मलेरिया का प्रचार करता है। डॉक्टर रोस की इस खोज के सम्मान में प्रति वर्ष 20 अगस्त को मलेरिया दिवस मनाया जाता है।

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