3 गांव में नदी किनारे की फसल बर्बाद: नदी चढ़ने से डूब क्षेत्र में आने के कारण किसानों को हुआ नुकसान

अशोकनगर15 मिनट पहले

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बीते दिनों जिले में तेज बारिश होने के बाद कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई। इसी के साथ बेतवा नदी किनारे बसे कुछ गांव में भी पानी भर चुका था। जिस वजह से नदी किनारे वाले क्षेत्र जलाशय बन गए। लगभग 3 दिनों तक पानी भरा रहा और जैसी ही धीरे-धीरे नदी का पानी उतरा तो किसानों के सपने पर पानी फिर गया। किसानों के खेतों में केवल फसल की झाड़ दिखाई दे रहे हैं पत्ते और फलियां पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है।

सबसे ज्यादा हालत खराब मुंगावली क्षेत्र की कैथश नदी के किनारे बसे गांव की है। जिनमें छोटा भोपाल, मलऊखेड़ी एवं सावलहेड़ा गांव की फसल खराब हुई है। ऐसे में उन किसानों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, जिनके घर में शादी समारोह या फिर अन्य कार्यक्रम होने हैं। उनकी फसल आने से पहले ही खराब हो चुकी है, सैकड़ों बीघा से अधिक की फसल बर्बाद हो चुकी। दूसरी बार फिर जिले में मानसून एक्टिव होने के बाद बारिश का दौर शुरू हो चुका है। अगर ऊपरी इलाके में बारिश तेज होती है तो जो फसल बची हुई है वह कुछ दिनों में खराब हो जाएगी ।

ज्यादातर इलाके में सोयाबीन और उड़द की फसल बोई गई थी। इस फसल के ऊपर नदी का पानी आने के कारण यह पूरी तरह से खराब हो जाती है। हरी फसल का रंग भी बदल कर काला हो जाता है। ऐसी ही स्थिति सिंधु नदी एवं ओर नदी के किनारे कई खेतों की हुई है। वहां पर भी काफी खेतों की फसल में पानी भरने के कारण बर्बाद हो चुकी है।

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