गुरु पुष्य नक्षत्र कल: 1500 साल में पहली बार 10 शुभ योग का महायोग, इस मुहूर्त में हर कार्य शुभ और फलदायी

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भोपालएक घंटा पहले

कॉपी लिंकशनि और गुरु के स्वराशि में होने से इस संयोग का शुभ फल और बढ़ जाएगा - Dainik Bhaskar

शनि और गुरु के स्वराशि में होने से इस संयोग का शुभ फल और बढ़ जाएगा

पुष्य नक्षत्र 25 अगस्त सूर्योदय से शुरू होगा, निवेश का अक्षय लाभ मिलेगाइस महामुहूर्त में हर तरह का शुभकार्य लाभदायक, स्थाई और शुभ फलदायी रहेगा

इस साल दीपावली 24 अक्टूबर को है। इससे ठीक 2 महीने पहले यानी गुरुवार 25 अगस्त को दुर्लभ गुरु पुष्य नक्षत्र आ रहा है। दुर्लभ इसलिए क्योंकि इस दिन पूरे 10 शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि दीपावली से दो माह पहले शुभकार्यों की शुरुआत के लिए यह महत्वपूर्ण तिथि वरदान की तरह है। 25 अगस्त को दश महायोग का ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले 1500 साल में नहीं बना। सूर्योदय के साथ ही पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा।

इस महामुहूर्त में हर तरह का शुभकार्य लाभदायक, स्थाई और शुभ फलदायी रहेगा। इस दिन रियल एस्टेट में निवेश, नए कामों की शुरुआत, वाहन, ज्वैलरी, कपड़े और अन्य चीजों की खरीदारी का अक्षय लाभ मिलेगा। साथ ही घरेलू और ऑफिस में इस्तेमाल की जरूरी चीजें खरीदना भी शुभकारी रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट का कहना है कि इस दिन सूर्य सिंह राशि में, चंद्रमा कर्क में, बुध कन्या में, बृहस्पति मीन में और शनि मकर राशि में रहेगा। इस तरह पांच ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे। जोकि बेहद शुभ रहेगा। इनमें शनि और गुरु के स्वराशि में होने से इस संयोग का शुभ फल और बढ़ जाएगा।

क्योंकि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और देवता गुरु हैं। ग्रहों की ऐसी स्थिति पिछली कई सदियों में नहीं बनीं। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के साथ ही गुरु और शनि दोनों ही अपनी-अपनी राशियों में हो तो इस संयोग में किए गए कामों में सफलता मिलना तय होती है।

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