भोपाल12 मिनट पहले
भोपाल में कलियासोत नदी के उफान पर आने के बाद इसके किनारे पर बसा समरधा टोला गांव भी पानी में डूब गया। दोनों ओर से रास्ते बंद होने से गांव टापू में बदल गया है। वहीं, निचले इलाकों में पानी भरने से 50 से ज्यादा घर डूब गए हैं। इस कारण डेढ़ सौ से अधिक लोगों को गांव के बाहर स्कूल में ठहराया गया, लेकिन लोग दो दिन से सो नहीं पाए हैं। वे दूर से ही पानी में डूबे अपने मकान देखते रहते हैं। उनके घरों में 8 फीट तक पानी भरा हुआ है। दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं, जो अपने ही घरों में फंसे हुए हैं। दैनिक भास्कर ने ड्रोन के जरिए टापू बने गांव को वीडियो में कैद किया।
समरधा टोला के डेढ़ सौ लोग स्कूल में रूके हुए हैं। दो दिन से उन्हें अपने घरों को लेकर चिंता सता रही है।
गांव में ही कैद हैं कई ग्रामीणसमरधा टोला की निचली बस्ती में नदी का पानी आने से करीब 50 से 70 घर प्रभावित हुए हैं। घरों में पानी घुसने की वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है और लोग गांव में ही कैद होकर रह गए हैं। इनमें से 50 परिवार के करीब 150 लोगों ने सरकारी स्कूल में शरण लेकर जान बचाई। भोपाल नगर निगम ने स्कूल में लोगों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था की है।
समरधा टोला के रास्ते पर छह से आठ फीट तक पानी जमा है। इससे रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। इसके किनारे के घरों में भी पानी भरा हुआ है।
समरधा टोला में रहते हैं 1380 लोगबता दें कि समरधा टोला में करीब 310 घर हैं। जिनमें लगभग 1380 लोग रहते हैं। समरधा टोला एक कच्ची बस्ती है। यहां पर लोगों को जमीन के पट्टे मिले हुए हैं, लेकिन उन्हें घरों पर पक्की छत बनाने की अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में लोग घरों पर टिन या कच्ची छत डालकर रह रहे हैं।
पूरी गृहस्थी खराब हो गईग्रामीण सरिता का घर भी पानी में डूब गया है। वह स्कूल में परिजनों के साथ ठहरी है। सरिता ने बताया, रविवार शाम को पानी कम था, लेकिन जैसे ही पानी बढ़ा, हम स्कूल में आ गए। अभी पूरा मकान पानी में डूबा हुआ है। सबकुछ तबाह हो चुका है। लच्छी बाई ने बताया, पूरी गृहस्थी खराब हो गईं। बच्चे समेत परिवार के 16 सदस्य दो दिन से शरणार्थी की तरह यहां रुके हुए हैं।
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