डीजल-केरोसिन डालकर जलानी पड़ती है चिता: 10 साल गुजरे पर नहीं हुआ समस्या का निदान, ग्रामीण परेशान

शिवपुरी16 मिनट पहले

शिवपुरी के कोलारस की ग्राम पंचायत मोहराई में बारिश से ग्रामीणों का हाल बेहाल है। लेकिन इस गांव में मरने वालों को भी सम्मान नसीब नहीं हो पाता है। इस गांव मे वर्षाकाल में मरने वालों के अंतिम संस्कार में शव को डीजल और केरोसिन डालकर जलाया जाता है। इसकी मुख्य वजह है, गांव में मुक्तिधाम की जगह स्वीकृत हुई। एक फाउंडेशन बना कर टीन शेड भी बनाया गया। परन्तु कुछ ही वर्षों में डाली गई टीन शेड टूट गई। जिसके बाद फिर न बन सकी जिसके कारण अब कई सालों से बारिश के दिनों में मरने वाले ग्रामीणों की चिताओं में घी के बाद डीजल और केरोसिन का तेल भी डाला जाता है। जिससे चिता में लगी गीली लकड़ियों में आग लग सके। मोहराई ग्राम पंचायत में ऐसा वर्षों से चला आ रहा है। कभी भी किसी सरपंच और सेकेट्री सहित अन्य जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। इस प्रकार की समस्या से जूझता मोहराई गांव अकेला नहीं है, ऐसे कई गांव हैं जहां ऐसे हालात हैं।

मोहराई गांव के ग्रामीणों ने बताया कि आज गांव के 80 साल बुजुर्ग बालकिशन धाकड़ की मौत हुई थी। जिनके अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीण मुक्तिधाम पहुंचे थे। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल ही रही थी कि अचानक वर्षा होने लगी। जिससे सुलगती चिता की आग बुझ गई। जिसके बाद डीजल डालकर चिता में बुझी आग को फिर भड़काई गई। तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा हो पाए।

2010 से जारी है यह प्रक्रिया

ग्राम पंचायत मोहराई के रोजगार सहायक सचिव हरिचंद्र धाकड़ ने बताया कि ग्राम पंचायत मोहराई में मुक्तिधाम के शेड का निर्माण 2005-2010 में बना था। जिसके बाद इसकी कभी भी रिपेरिंग नहीं करवाई गई। इसके लिए कई बार संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया। परंतु राशि स्वीकृत नहीं हुई। जिसके चलते आज 10 साल से इस गांव में इसी प्रकार के हालात हैं।

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