छतरपुर (मध्य प्रदेश)13 मिनट पहले
छतरपुर जिले के एक गांव में पिछले 15 वर्षों से शासन-प्रशासन मनुहार कर थक चुके ग्रामीणों ने खुद अपना रास्ता बना लिया। कई शिकायतों के बाद प्रशासन नाले पर पुल नहीं बना पाया तो ग्रामीणों ने मिलकर लकड़ी का पुल बना लिया। तस्वीरें छतरपुर जिले के राजनगर तहसील अंतर्गत सांदनी ग्राम पंचायत में गुड़ पारा गांव की है।
यहां गांव से पारवा हाई स्कूल और अन्य जगह जाने के लिए लोगों को एक नाला पार करना पड़ता था। बारिश के मौसम में नाला भर जाने के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल तक जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। वहीं बारिश अधिक होने से बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते थे। ग्रामीण भी अपने कृषि कार्यों और अन्य कार्यों के लिए नाला पार करने में खासी जद्दोजहद करते थे।
गांव में आठवीं तक की स्कूल है और पारवा हाई स्कूल की दूरी गांव से लगभग 4 किलोमीटर है। वहीं अगर इस नाले को पार ना करें तो दूसरी तरफ से घूम कर जाने में हाई स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों को लगभग 12 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. बच्चों के लिए ये दूरी बहुत अधिक पड़ती है। जिसकी वजह से बच्चे बड़ी मुश्किल से नाला पार कर स्कूल आते-जाते थे।
शिकायत के बाद भी नहीं बना ब्रिज
ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या को लेकर शासन से लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अवगत करा था, लेकिन आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। आखिरकार ग्रामीणों ने एकजुट होकर लकड़ी का पुल बनाने की ठान ली। फिर सभी ग्रामीण इकट्ठे हुए और बांस, बल्लियां काटना शुरू कर दिया और लगभग 1 सप्ताह की मेहनत के बाद आखिरकार एक अस्थाई पुल बनकर तैयार किया।
ग्रामीणों को अब भी प्रशासन से आस
ग्रामीण इस पुल को बना कर उत्साहित जरूर हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान दें और उनके गांव में नाले पर एक स्थाई पुल बने। ताकि भविष्य में फिर ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को आवागमन के लिए जान जोखिम में न डालनी पड़े।
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