Hindi NewsLocalMpGunaThe Pregnant Had To Be Carried On A Cot When The Culvert Broke Down; Ambulance Could Not Reach The Village
गुना16 मिनट पहले
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पुलिया बह जाने से सड़क के बीच में गड्ढा हो गया। गर्भवती को चारपाई पर ले जाना पड़ा।
जिले में बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है। पार्वती के सैलाब ने इस बार कई गांव में दंश दिए हैं। लगभग 1 0 गांव प्रभावित हुए हैं। कई गांव में सड़कें बह गई हैं और पुल-पुलियाएं टूट गईं हैं। ऐसे में ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला मधुसूदनगढ़ इलाके के भगवानपुरा गांव में सामने आया। यहां पुलिया टूट जाने से एक गर्भवती को गांव से एम्बुलेंस तक चारपाई पर लिटाकर ले जाना पड़ा। पुलिया टूटकर बह जाने से सड़क में गहरा गड्ढा हो गया था। इस कारण एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई।
भगवतीपुर पंचायत में भगवानपुरा कालीखदान मार्ग पर करीब चार महीने पहले पंचायत द्वारा पुलिया का निर्माण किया गया था। इस पर 1.18 लाख रुपए की लागत आई थी। वहीं भगवानपुरा गांव तक डब्ल्यूबीएम रोड थी, जो अक्सर उखड़ी रहने से ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल था। इसकी पिछले हफ्ते हुई अतिवर्षा ने अब आवागमन को ही रोक दिया है। पुलिया बह गई है और सड़क उखड़कर गहरे और लंबे गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में ग्रामीण न दोपहिया और न ही चारपहिया वाहन से आवागमन कर पा रहे हैं, क्योंकि पैदल चलने के दौरान ही गड्ढों में उतरकर जाना पड़ता है।
शुक्रवार को भगवतीपुर ग्राम पंचायत के भगवानपुरा गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई। परिवार के सदस्य महेश भील ने बताया कि प्रसूता को मधुसूदनगढ़ स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए एंबुलेंस को कॉल किया। एम्बुलेंस गांव के लिए रवाना हुई, लेकिन उखड़ी सड़क तक आकर थम गई। क्योंकि, गहरे और लंबे गड्ढे से निकलना मुश्किल था। ऐसे में चालक राधेश्याम ने बताया कि सड़क उखड़ने से गांव तक एंबुलेंस नहीं आ पाएगी। इसके बाद परिवार वाले ग्रामीणों की मदद से चारपाई पर प्रसूता को लिटाकर पैदल ही लगभग तीन किमी चलकर एंबुलेंस तक पहुंचे। यहां भी सड़क के गड्ढे से बमुश्किल चारपाई निकाल सके। इसके बाद मधुसूदनगढ़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंच पाए।
भगवानपुरा के ग्रामीण बताते हैं कि गांव की उक्त सड़क लंबे समय से खराब है। इस वर्षा में उखड़ ही चुकी है। इसकी शिकायत पंचायत से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से की, लेकिन सड़क को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। विडंबना यह कि चार महीने पहले बनी पुलिया इस वर्षा में बह गई है, जिससे गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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