Hindi NewsLocalMpChhatarpurDistrict Administration’s Appeal To The People, Do Not Panic, Be Careful, Show The Doctor If Symptoms Appear
छतरपुर (मध्य प्रदेश)एक घंटा पहले
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छतरपुर जिले के ग्राम बड़ा बूढ़ा ब्लॉक ईसानगर में 2 साल के बच्चे को स्क्रब टायफस बीमारी डिटेक्ट हुई है यह बच्चा पीआईसीयू वार्ड जिला चिकित्सालय छतरपुर के में भर्ती है एवं बिल्कुल स्वस्थ है। स्क्रब टायफस के कुछ लक्षण मिलने पर इसका सैंपल आईसीएमआर लैब जबलपुर भेजा गया था जहां से इसकी पॉजिटिव होने की पुष्टि की गई। यह बीमारी चूहों के ऊपर पाई जाने वाली संक्रमित घुन के लार्वा में होता है।
रविवार को डिस्टिक आरआरटी टीम एवं ब्लॉक आरआर टी टीम द्वारा गांव का भ्रमण किया गया एवं पूरे मोहल्ले के फीवर सर्वे करने हेतु स्वास्थ्य विभाग की आशा एएनएम को निर्देशित किया गया एवं लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई।
जिला प्रशासन छतरपुर द्वारा नागरिकों से अपील की गई है कि घबराएं नहीं और जरूरी सावधानी रखें तथा लक्षण दिखने पर तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं। प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
यहां मिल चुके मरीज
वर्तमान में भोपाल, सीधी, सतना, मंदसौर, नर्मदापुरम, खंडवा अनूपपुर आदि जिलों में भी इसके केस मिले हैं।
कैसे फैलती है स्क्रब टायफस बीमारी
स्क्रब टायफस बीमारी ओरियेन्टा सुत्सुगैमुसी नामक जीवाणु से होती हैं। यह जीवाणु ऊपर रहने वाले माइट (घुन) के संक्रमित लार्वा से होता है। चूहों के मनुष्य को काटने पर माइट (घुन) के ओरियेन्टा सुत्सुगैमुसी नामक जीवाणु से संक्रमित लार्वा से चूहे के काटने वाले स्थान पर दाना उठता है जो बाद में जख्म बनकर सूख जाता है। बाद में काले धब्बे के समान दिखाई देने लगता हैं।
स्क्रब टायफस के लक्षण
बीमारी के लक्षणों की बात करें तो व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, जोड़ एवं मांस पेशियों में दर्द, प्रकाश की तरफ देखने में तकलीफ, खांसी, शरीर के कुछ भागों में दाने निकल आते हैं। वहीं, कुछ लोगों को बीमारी का प्रभाव बढ़ने से निमोनिया एवं मस्तिष्क ज्वर भी हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण 2 सप्ताह तक रह सकते हैं।
ऐसे होती है स्क्रब टायफस की पहचान
स्क्रब टाइफस बीमारी की पुष्टि एलाईजा टेस्ट द्वारा की जाती है। फिलहाल इसकी जांच मध्य प्रदेश के जबलपुर आई. सी. एम. आर. लैब में उपलब्ध है। जांच के लिए व्यक्ति के ब्लड सैम्पल लिए जाते हैं।
स्क्रब टायफस से बचने यह रखें सावधानी
खाने-पीने की वस्तुओं को चूहों की पहुंच से दूर रखें। यदि खाद्य पदार्थ चूहों के सम्पर्क में आया हो, तो उसका सेवन न करें। घर के आस-पास चूहों की आबादी बढ़ने से रोकने के लिए स्थानीय उपाय करें। खेत, जंगल, झाड़ियों में जाते समय पूरे कपड़े पहन कर जाएं।
घास, फूंस एवं झाड़ियों पर बैठने या सोने से बचें। घर के आस-पास घास फूंस या झाड़ियां हो तो काट कर जला दें। शरीर को साबुन से धोएं और मोटे कपड़े से रगड़ कर साफ करें। शरीर पर सिगरेट के जले जैसे दिखने वाले चिन्ह, सिर दर्द, शरीर दर्द, जोड़ो एवं मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार एवं उल्टी दस्त के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं।
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