CM से कहा आपकी मेहरबानी से प्लांट डाला है: जानिए फिर शिवराज ने क्या दिया जवाब, जिसे सुन गदगद हो गया यह शख्स

इंदौर29 मिनट पहले

श्यामलाल जी हम आपके चिप्स खाएंगे भी और इंदौर से भोपाल मंगवाएंगे भी। सिर्फ दस सेकंड से भी कम का यह समय हाथों में चिप्स की टोकरी लेकर खड़े उद्यमी श्यामलाल केलोत्रा को गदगद कर गया। आप सोच रहे होंगे कि इसमें खुश होने की ऐसी क्या खास बात है, तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं इस घटना से जुड़ी पूरी कहानी। पहले यह जान लीजिए कि श्यामलाल ने चिप्स की टोकरी किसे दी…

महू निवासी श्यामलाल केलोत्रा।

महू निवासी श्यामलाल केलोत्रा।

सीएम शिवराज को भेंट की चिप्स की टोकरी

‘स्वरोजगार दिवस’ पर गुरु अमरदास हॉल में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्वरोजगार योजना के तहत लाभार्थियों को प्रमाणपत्र वितरण के दौरान एक रोचक मामला हुआ। दरअसल, मुख्यमंत्री जब प्रमाणपत्र वितरित कर रहे थे, तभी स्टेज से लाभार्थी विकास केलोत्रा का नाम पुकारा गया। उनके स्थान पर पिता श्यामलाल केलोत्रा स्टेज पर पहुंचे। महू जनपद सदस्य सुनीता लावरे भी उनके साथ में थी। इससे पहले कि मुख्यमंत्री उन्हें प्रमाणपत्र देते श्यामलाल ने उन्हें चिप्स से भरी टोकरी सौंप दी। श्यामलाल ने कहा कि आपकी मेहरबानी से मैंने चिप्स का कारखाना स्थापित किया है, हमारे यहां के चिप्स खाइए।

पढ़िए टोकरी देख कर खुश हुए सीएम ने क्या कहा…

स्वरोजगार दिवस पर टॉय क्लस्टर के शिलान्यास कार्यक्रम का शुभारंभ करते सीएम।

स्वरोजगार दिवस पर टॉय क्लस्टर के शिलान्यास कार्यक्रम का शुभारंभ करते सीएम।

हम आपके यहां के चिप्स खाएंगे भी और मंगवाएंगे भी

अचानक किसी लाभार्थी द्वारा इस तरह प्रोडक्ट सौंपने पर मुख्यमंत्री अचंभित भी हुए और खुश भी। इस बीच उनके पास खड़े विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह पार्टी के पुराने अच्छे कार्यकर्ता भी है और काफी मेहनती है। इस पर मुख्यमंत्री खुश हुए और कहा श्यामलाल जी, हम आपके यहां के चिप्स खाएंगे भी और मंगवाएंगे भी। ऐसा कहकर मुख्यमंत्री ने चिप्स की टोकरी सम्मानपूर्वक विधायक आकाश विजयवर्गीय के हाथों रखवाई और श्यामलाल को प्रमाणपत्र सौंपने के साथ उनकी हौंसला अफजाई की। बमुश्किल एक मिनिट के इस वाकए ने श्यामलाल को गदगद कर दिया।

केलोत्रा ने ऐसे शुरू किया चिप्स बनाने का प्लांट

सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के तहत आलू आधारित उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत लोन लेने पर 35% सब्सिडी दी जाती है। इस योजना में अधिकतम 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। श्यामलाल के बेटे विकास केलोत्रा ने इसके लिए महाराष्ट्र बैंक में आवेदन किया। करीब एक माह में उनका लोन मंजूर हुआ और बाकी राशि अपनी ओर से लगाने के साथ 32 लाख रुपए का कारखाना स्थापित किया। इस दौरान किसी भी स्तर पर कोई परेशानी नहीं आई और न ही बैंक की ओर से लेन-देन को लेकर कोई दबाव बनाया गया। प्लांट में वे कच्चे चिप्स का निर्माण कर बाहर सप्लाई करते हैं। इसमें वे खुद, बेटा विकास, परिवार के अन्य लोग व 25 लेबर जुटे हैं। योजना के तहत इसमें नोडल एजेंसी उद्यानिकी विभाग है।

पहले सीजन में ही 4 लाख का लाभ

श्यामलाल ने बताया कि खेती के साथ उद्यम करने का यह मेरा पहला मौका है। हम मंडी से आलू लाकर कारखाने में कच्चे चिप्स तैयार करते हैं। इस सीजन में 1500 कट्‌टे चिप्स तैयार किए। एक कट्‌टे में 16 किलो चिप्स रहते हैं। इंदौर के आसपास के व्यापारी उनसे सूखे चिप्स खरीदने आते हैं और फिर वे उन्हें अगली प्रोसेस में खारे, नमकीन व अलग-अलग स्वाद में तैयार करते हैं। वे अभी 60 रुपए प्रति किलो की दर से चिप्स बेचते हैं। इस बार करीब 4 लाख रुपए का लाभ हुआ है।

इंदौर के आसपास चिप्स की 200 यूनिटें

वरिष्ठ उद्यान अधिकारी योगेंद्र कुमार सोनोने ने बताया कि इंदौर जिले में करीब 40 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन होता है। यहां महू के कोदरिया, चोरडिया, आमा चंदन, भगोरा, मलेंडी के किसान जनवरी-फरवरी में आलू का उत्पादन शुरू करते हैं और यह प्रक्रिया मई-जून तक चलती है। इस दौरान काफी मात्रा में उत्पादन होता है। कोदरिया गांव में ही 3 से 4 हजार मजदूर काम करते हैं। यहां किसानों ने करीब 200 यूनिटें स्थापित की हैं। यह पूरा काम उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में होता है। यहां के किसान हरियाणा, दिल्ली, उप्र आदि में चिप्स सप्लाई करते हैं और काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।

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