कुपोषण को दूर करने का प्रयास: रीवा जिले के 9 विकासखण्डों में लगाए गए 1.26 लाख मुनगा के पौधे, स्वसहायता समूह के सदस्यों की पहल लाई रंग

रीवा5 घंटे पहले

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रीवा जिले में एक लाख 26 हजार मुनगे (सहिजन) के पौधों का रोपण किया गया है। बताया गया कि मध्यप्रदेश डे-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वसहायता समूह के सदस्यों द्वारा पर्यावरण एवं कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से पहल की गई है। दावा है कि उद्यान विभाग और मनरेगा के समन्वय से स्वसहायता समूहों द्वारा रीवा जिले में सेंहुड़ा और रौसर की नर्सरी तैयार की है। इसके अलावा अन्य नर्सरी में तैयार पौधे एक वर्ष में फल देने लगेंगे।

मुनगा में रोग प्रतिरोधक क्षमताबता दें कि मुनगा औषधीय गुण होने के कारण कई तरह की बीमारियों की दूर करने में सहायक होता है। मुनगे के पौधों में कुपोषण दूर करने के गुण पाये जाते हैं। यह कई तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। इस पौधे के फल, फूल एवं पत्तियां भी खाने के उपयोग में लायी जाती हैं।

विटामिन सी, ए और कैल्शियम से भरपूरमुनगा मुख्य रूप से विटामिन सी, ए और कैल्शियम से भरपूर होता है। इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम एवं जिंक जैसे तत्व भी पाये जाते हैं। इसकी सब्जी डायबिटीज के रोगियों हेतु बहुत लाभदायक होती है। मुनगा का पौधा सेहत के लिये वरदान माना जाता है। इसी उद्देश्य के साथ प्रत्येक समूह सदस्यों के यहां पौधे लगाने के साथ अंकुर एप में भी अपलोड किया जा रहा है।

कलेक्टर कर रहे मॉनीटरिंगपौधरोपण कार्यक्रम में कलेक्टर मनोज पुष्प द्वारा लगातार मॉनीटर की जा रही है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े द्वारा विकासखण्ड में व्यक्तिगत एवं पैच प्लांटेसन की प्रक्रिया को किये जाने हेतु वृक्षारोपण पर निरंतर जोर दिया गया है। एनआरएलएम के जिला प्रबंधक अजय सिंह ने बताया कि अभी भी वृक्षारोपण का कार्य बारिश को देखते हुए किये जाने की संभावना है।

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