Hindi NewsLocalMpBurhanpurSo Far 300 Hectares Of Crops Affected, Banana Growers Worried; Banana Crop Is Planted In 24 Thousand Hectares
बुरहानपुर31 मिनट पहले
जिले में केला फसल कुंकबर मोजेक वायरस का अटैक हो गया है। जिसे कृषि विभाग सीएमवी वायरस और स्थानीय भाषा में किसान हरण्या रोग कहते हैं। जिले में करीब 24 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में केला फसल लगी है। उद्यानिकी विभाग के पास अब 300 हेक्टेयर क्षेत्र में सीएमवी वायरस फैलने की जानकारी आ चुकी है। अफसर लगातार गांवों का भ्रमण कर किसानों को जागरूक कर रहे हैं।
निंबोला के किसान लालु के अनुसार केले के पौधे लाल हो रहे हैं। कुछ पौधे फट रहे हैं। इनकी ग्रोथ नहीं बढ़ रही। किसान हेमराज रामदास पाटिल ने कहा मेरे खेत में करीब 25 प्रतिशत सीएमवी वायरस से नुकसान हो गया है। एक पौधे पर अब तक 50 रूपए खर्च आ चुका है। करीब 250 से अधिक किसान प्रभावित हुए। उन्होंने कहा मेरे 3 हजार से ज्यादा पौधे खराब हो गए हैं।
लगातार किसानों से कर रहे संपर्क, खेतों का हो रहा निरीक्षण
उद्यानिकी विभाग उपसंचालक आरएनएस तोमर ने कहा – बुरहानपुर और आसपास के क्षेत्र में करीब 300 हेक्टेयर केला फसल सीएमवी वायरस के कारण प्रभावित हुई है। मौसम में सुधार होता है तो बीमारी कम होगी। जिले में 24 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में केला फसल लगी है। हालांकि अधिकांश पौधे वह हैं जो महीनेभर पहले रोपित किए गए थे। तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस होने और नमी बढ़ने से यह स्थिति बनती है। नेपानगर खकनार क्षेत्र से सूचना नहीं है फिर भी वहां लगातार टीम पहुंच रही है। किसानों से संपर्क में हैं।
यह है वायरस के लक्षण
इसे स्थानीय भाषा में हरण्या रोग कहते हैं। पत्ती पर पीले रंग की धारियां दिखाई देती है। पत्ते पानी के संपर्क में आने पर पौधा सड़ा और जला हुआ दिखता है। समय के साथ केले के पौधों पर रोग बढ़ता जाता है और पौधे मरते जाते हैं। छोटे पौधों पर ज्यादा प्रभाव।
सीएमवी वायरस के कारण
रोग एक वायरस सीएमवी के कारण होता है। यह वायरस हवा, पानी, मिट्टी से नहीं फैलता। तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस और लगातार बारिश होने, बादल तथा 80 से 90 प्रतिशत आद्रता होने पर तेजी से फैलता है।
नियंत्रण के उपाय
संक्रमित पौधों को जड़ से उखाड़कर खेत से दूर ले जाकर जलाना चाहिए। ग्रसित पौधों को निकालकर रोग रहित पौधे लगाना चाहिए।- प्रतिदिन खेत की सफाई होना चाहिए। इसके साथ टमाटर, साग, भाजी फसलों को लगाने से बचना चाहिए। कृषि विभाग द्वारा निर्धारित कीटनाशक का छिड़काव किया जाना चाहिए। जिसमें एमिडाक्लोप्रिड 6 एमएल, एसीफेट 15 ग्राम, स्टीकर 15 एमएल, नीम तेल 50 एमएल 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जाना चाहिए।
खबरें और भी हैं…