उज्जैन38 मिनट पहले
उज्जैन। महाकाल की नगरी में प्रथम पूज्य भगवान गणेश का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी बुधवार 31 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। दो साल बाद दस दिवसीय आयोजन को भव्य रूप देने के लिए सामाजिक संस्थाओं ने तैयारी की है।बाजार में इसका असर भी देखने को मिल रहा है। इस वर्ष करोडो का व्यवसाय का अनुमान है। घरों में विराजित करने के लिए लोगों में अब इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की मांग बढ़ गई है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में करीब एक हजार से अधिक प्रतिमा की दुकानों पर मिट्टी से निर्मित दो इंच से लेकर 9 फीट तक की प्रतिमा उपलब्ध है। इनकी कीमत भी 50 रूपए से लेकर एक लाख रुपए तक है।
भगवान गणेश की स्थापना के लिए गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार को शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा। इस वर्ष कोरोना का प्रतिबन्ध नहीं होने से बाजार में रौनक दिखाई दे रही है।व्यापारियों को भी अच्छे व्यापार की उम्मीद है। भगवान श्री गणेश को विराजित करने के लिए घरों और मंदिरों के साथ ही सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए भी तैयारियां चल रही हैं। शहर के प्रमुख क्षेत्रों के बाजारों में गणपति बप्पा की मूर्तियां सज गई हैं। पंडालों में रखी जाने वाली 9 से 10 फीट की प्रतिमाओं को बुकिंग के हिसाब से तैयार किया है। इनकी बुकिंग कई दिन पहले ही करा दी गई थी। बड़ी प्रतिमाओं की डिलेवरी भी गोदाम से हो रही है। ज्यादा बड़ी प्रतिमाएं दुकानों में नही सजाई गई है।
दुकानदारों में उत्साह करोडो के व्यवसाय की उम्मीद
गणेश उत्सव के लिए पिछले वर्ष कोरोना महामारी के सक्रिय होने के चलते श्री गणेश चतुर्थी के बाजार में भी मंदी रही थी। इस बार भगवान श्री गणेश की प्रतिमा तैयार करने वाले कारीगरों से लेकर दुकानदारों में ख़ासा उत्साह है। खास बात यह है कि कई दुकानदारों ने इस बार भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की होम डिलीवरी देने की पेशकश भी की है। शहर में करीब एक हजार से अधिक गणेश प्रतिमा की दुकानें सजी है। जिनको लेकर व्यापारियों ने कहा की इस बार बाजार में रौनक दिखाई दे रही है। शहर के गोपाल मंदिर, बियावानी, कंठाल, नगर निगम परिसर, कोयला फाटक, फ्रीगंज, शहीद पार्क, नानाखेड़ा क्षेत्र प्रमुख है। खास बात यह है कि छोटी व बड़ी दुकानों में इस बार मिट्टी की प्रतिमाओं की बिक्री हो रही है। बाजार में इस बार ईको फ्रेंडली भगवा गणेश की प्रतिमा की मांग सबसे अधिक है।
सज गयी दुकाने
मिट्टी की प्रतिमा के भाव तेजशहर की गणेश प्रतिमा की दुकानों पर मिट्टी की प्रतिमाओं के दाम अधिक है। कोयला फाटक क्षेत्र में दुकान लगाने वाले मोहित राजे ने बताया कि दो वर्ष बाद गणेश उत्सव आयोजन में उत्साह देखा गया है। वैसे इस बार मिट्टी की प्रतिमाओं की कीमत 50 रूपए लेकर बड़ी प्रतिमा एक लाख रूपए तक है। हालांकि घरों में विराजित करने वाली प्रतिमाएं छोटी अधिकतम 2 से 3 फीट तक होती है। इससे बड़ी प्रतिमाएं पंडालों में विराजित की जाती है। शहर में प्रतिमा बनाने वाले कारीगरों के अलावा बंगाल, महाराष्ट्र, कलकत्ता, जयपुर, आगर से भी प्रतिमाएं शहर में मंगाई जाती है।
प्रमुख मार्गो में भीड़
पूजन की समाग्री की दुकानें भी सजीभगवान गणेश की प्रतिमा को श्रृंगारित करने के लिए शहर में पूजन व साज-सज्जा की दुकानें भी सज चुकी है। इन दुकानों में भगवान गणेश की मोती की माला, पगड़ी, अंग वस्त्र, बिछाने वाला कपड़ा, आभूषण शामिल है। साईज के अनुसार माला व श्रृंगार समाग्री की कीमत 10 रूपए से लेकर 200 रूपए तक है।
मोदक और लड्डू के भाव में आया उछालगणेश चतुर्थी से गणेश विसर्जन समारोह तक लड्डू और मोदक की बिक्री बढ़ जाती है। भगवान गणेश का प्रिय भोग भी मोदक और लड्डू ही है। शहर के प्रसिद्ध मिष्ठान भंडार पर शुद्ध घी में बूंदी के अलावा मावा मिश्री के लड्डू के भाव 400 से 560 रुपए प्रति किलो है। वही शुद्ध घी में निर्मित मोदक 500 रुपए प्रति किलो है।
खबरें और भी हैं…