बैतूल28 मिनट पहले
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बैतूल में अगले 13 सितंबर को साढ़े पांच लाख बच्चों को एलबेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लिए तीन विभाग इस अभियान को लेकर रणनीति तैयार कर रहे है। अभियान के रूप में एक से 19 वर्षीय बच्चों को कृमिनाशक गोली खिलाई जाएगी।
जिले में एक निश्चित 13 सितंबर 2022 को एक से 19 साल के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों एवं शालाओं के माध्यम से कृमिनाशन किया जाएगा। छूटे हुए बच्चों का मॉपअप 16 सितम्बर 2022 पर कृमिनाशन किया जाएगा। स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में नेशनल डिवार्मिंग डे पर एल्बेंडाजोल सस्पेंशन/गोली, ओआरएस पैकिट, डोमपेरिडोन टेबलेट, डायसाइक्लोमीन टेबलेट/ सस्पेंशन/ पेरासिटामोल टेबलेट/सस्पेंशन तथा सीपीएम टैबलेट/सिट्राजिन टेबलेट की व्यवस्था मामूली प्रतिकूल घटना के प्रबंधन हेतु उपलब्ध रहेगी तथा गंभीर प्रतिकूल लक्षण होने पर 108 वाहन एंबुलेंस की व्यवस्था होगी। जिससे पीड़ित को तत्काल चिकित्सकीय उपचार प्रदान किया जा सके। जिले में कुल 553671 बच्चों को लाभाविंत किया जाना है जिसमें एक से 5 वर्ष तक के 112945, पांच से 10 वर्ष के 181637 एवं 10 से 19 वर्षीय 259089 बच्चे सम्मिलित हैं।
जानें क्या प्रभाव डालता है यह कृमि
कृमि अर्थात् पटार संक्रमण से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरूद्ध होता है एवं शालेय बच्चों में उपस्थिति एवं शैक्षणिक उपलब्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक से 19 वर्षीय बच्चों में कृमि संक्रमण की रोकथाम एक साक्ष्य आधारित रणनीति है, जिसके तहत एलबेंडाजोल की एक गोली मात्र को चबाकर सेवन करने से हम बच्चों को कृमिमुक्त कर सकते हैं। कृमिनाशन से बच्चों की अनुपस्थिति में 25 प्रतिशत कमी आती है एवं उनकी पढ़ाई में एकाग्रता भी बढ़ती है। कृमिनाशन से संपूर्ण स्वास्थ्य पोषण स्तर एनीमिया की रोकथाम बौद्धिक विकास तथा शालाओं में उपस्थिति में सुधार देखा गया है।
साइड इफेक्ट पर रखनी होगी सावधानी
एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को आयु के अनुसार खुराक दी जाना है। जिसमें एक से 2 साल के बच्चे को 400 एमजी की आधी गोली को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही खिलाएं। 2 से 3 साल के बच्चों को 400 एमजी की एक पूरी गोली खिलाएं। जिसे 2 चम्मच के बीच रखकर चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही खिलाएं। 3 से 19 वर्ष के बच्चों को 400 एमजी की एक पूरी गोली हमेशा चबाकर खिलाएं। गोली का सेवन शिक्षक/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की उपस्थित में कराया जाएगा। बिना चूरा या बिना चबाकर खिलाई गई एल्बेंडाजोल दवाई का प्रभाव महत्वपूर्ण रूप से कम हो सकता है। बच्चों में डिवार्मिंग की दवाई से प्रतिकूल लक्षण (साइड इफेक्ट) बहुत कम है। कृमि संक्रमण की अधिकता के कारण कुछ मामूली दुष्प्रभाव जैसे चक्कर आना, जी मचलाना, सरदर्द, उल्टी दस्त, थकान जैसा अनुभव होने की संभावना हो सकती है। ये कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं।
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