ऋषि पंचमी पर सप्त ऋषि का पूजन करने पहुंची महिलाएं: महाकाल मंदिर और गयाकोटा में पर रही भीड़

उज्जैन37 मिनट पहले

उज्जैन। गुरुवार को सुबह से ही महिलाओं की भीड़ रामघाट क्षेत्र में रही। महिलाओं व युवतियों ने शुद्धी स्नान कर सप्त ऋषियों का पूजन किया। इस दौरान मंदिर में कथा सुनकर मोरधन से बना भोजन ग्रहण किया। सुबह से ही महाकाल मंदिर परिसर और गयाकोटा स्थित सप्त ऋषि मंदिर में पूजन का दौर चलता रहा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरूवार को भादौ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर महिलाओं व युवतियों ने सप्त ऋषि का पूजन किया। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में जूना महाकाल मंदिर के पीछे स्थित सप्त ऋषि मंदिर में पूजन को जाने वाली महिलाओं के लिए मंदिर प्रशासन ने वीआईपी गेट से निशुल्क प्रवेश देने की व्यवस्था की थी। सप्त ऋषि मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए आने वाली महिलाओं को सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक प्रवेश दिया गया। वहीें मंगलनाथ मार्ग खाक चौक पर स्थित सप्त ऋषि मंदिर पर भी सुबह से ही दर्शन और पूजन के लिए महिलाओं की कतार लंबी हो चुकी थी। यह मंदिर भी प्राचीन समय से यहां स्थित है। पं. अनंतनारायण व्यास ने बताया कि इस दिन महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत कर शिप्रा नदी में आंधी झाड़ा की पत्तियों से स्नान के बाद विधि विधान से सप्त ऋ षि का पूजन करती है। मंदिर में कथा श्रवण करने के बाद ही महिलाओं द्वारा मोरधान का ही उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है।

अनजाने में हुई गलती पर क्षमा याचना की जाती है

ऋषि पंचमी के दिन 7 ऋषियों की पूजा का विधान है। सप्त ऋ षियों के नाम कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ है। इसके साथ ही मान्यता यह भी है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पाप धुल जाते है। वहीं महिलाएं द्वारा रजस्वला काल के दौरान अनजाने में हुई गलतियों के लिए भी क्षमायाचना के लिए यह व्रत किया जाता है। जो महिलाएं मंदिर नही जाती है वे घर पर ही पत्थर या मिट्टी से सप्त ऋषि बनाकर पूजन कर व्रत का पालन करती है।

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