गुना में बाढ़ के बाद कैसे पटरी पर लौटेगी जिंदगी…: चार स्टेप्स का प्लान किया तैयार; हर बार बाढ़ में घिरने वाले गांव को शिफ्ट करने का प्लान

गुनाएक घंटा पहले

कॉपी लिंककई जगह फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गयी हैं। - Dainik Bhaskar

कई जगह फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गयी हैं।

पिछले दिनों जिले में हुयी अतिवृष्टि से हुयी क्षति का आंकलन कराया जा रहा है। सभी अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और विभिन्‍न विभागों के जिला अधिकारी का गठित दल गांव-गांव में जाकर किसानों से एवं अन्‍य शहरी बाढ़ पीड़ितों से संपर्क स्‍थापित कर बाढ़ जनहानि, पशुहानि एवं मकानों तथा घर की सामग्री बाढ़ के कारण हुए नुकसान का लगातार सर्वे कर रहे हैं।

इसी क्रम में कलेक्‍टर के निर्देशानुसार विभिन्‍न तहसीलों के तहसीलदार द्वारा 50 किलो प्रति परिवार राशन का वितरण किया जा रहा है। बमोरी तहसील के 206 नागरिकों को राशन का वितरण किया गया है। चांचौड़ा में 485 में से 441, लोगों को राहत खाद्यान्‍न वितरण किया जा चुका है। तहसील आरोन अंतर्गत मकान एवं पशु हानि के 131 प्रकरण तैयार किये जा चुके हैं। तहसील कुंभराज अंतर्गत 890 पात्र हितग्राहियों को 698 राहत खाद्यान्‍न वितरण किया गया है। तहसील मक्‍सूदनगढ अंतर्गत 279 पात्र हितग्राहियों में से 207 को राहत खाद्यान्‍न वितरण कराया गया, शेष की प्रक्रिया जारी है।

कलेक्‍टर फ्रेंक नोबल ए ने राहत कार्य के संबंध में व्‍यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देशों के अनुसार प्रथम चरण में जिले के समस्त बाढ़ पीडितों जिनको खाद्यान बाढ से नष्ट हो गया है, को प्राथमिकता से तत्काल तथा नि:शुल्क राशन उपलब्ध कराया जाये। द्वितीय चरण अंतर्गत अतिवृष्टि/ बाढ़ से प्रभावित कृषकों के खेत खलियान की फसल क्षति का आकलन सर्वे कर त्वरित रूप से किया जाना है तथा राशि का मांग पत्र राजस्व मंत्री मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित किया जाए। शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि का वितरण राजस्व अमले के द्वारा सीधा न कर ग्राम के संबंधित व्यक्ति को कितनी सहायता/क्षतिपूर्ति राशि दी जा रही है, इसकी सूची ग्राम में चस्पा कर राहत राशि का वितरण पूर्ण पारदर्शिता के साथ किया जाने के निर्देश दिये गये हैं।

तृतीय चरण अंतर्गत जिले में बाढ से हुये अधोसंरचनागत नुकसान यथा बिजली एवं पेयजल से संबंधित सरंचनाएं तथा सड़कें, पुल-पुलियों की क्षति का आंकलन करना तथा विद्युत संबंधी क्षति के किये गये आंकलन की सूची ऊर्जा मंत्री मध्यप्रदेश शासन को उपलब्ध करायी जाएगी। चतुर्थ चरण कार्य अंतर्गत जिले के कुछ ग्राम प्रत्येक वर्ष बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं, जिसका कारण इनकी भौगोलिक स्थिति है। ऐसे ग्रामों को चिन्हित कर उन ग्रामों में चौपाल लगाकर निर्णय लिया जाना है। यदि ग्रामवासी वर्तमान स्थान से विस्थापित होकर अन्यत्र बसने का निर्णय लेते हैं तो उन्हें अन्य जगह विस्थापित किये जाने हेतु उपयुक्त भूमि चयन तथा अन्य अधोसंरचनाओं की पूर्ति हेतु कार्य योजना तैयार किया जावे, ताकि आगामी 11 माह में ठोस कार्यवाही करते हुये आगामी वर्षों में उन्हें बाढ़ पीड़ित होने से बचाया जा सके।

इसके अतिरिक्‍त संपूर्ण शहर की ऐसी कॉलोनियों जिनमें अतिवर्षा की स्थिति में बाढ़ जैसी स्थितियां निर्मित होती है, की ऐसी कार्य योजनाएं तैयार करना जिससे कि वह आगामी वर्षों में बाढ़ से प्रभावित न हों। नालों के गहरीकरण, चौड़ीकरण इत्यादि की योजना बनाकर आगामी 11 माह में कार्य पूर्ण करने के लिए सीएमओ गुना को निर्देशित किया गया है। बाढ़ प्रभावितों के आवासों पर लगातार 10 दिन तक उनकी हर संभव सहायता के लिए भ्रमण एवं संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के समस्त 102 प्रभावित ग्रामों तथा नगर के 300-400 प्रभावित घरों तक स्वास्थ्य संबंधी जाँच एवं उपचार गतिविधियों, दवाओं के वितरण/ छिड़काव इत्यादि की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्‍टर ने दिए हैं।

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