Hindi NewsLocalMpBhopalInformation About Your Area Sought From MPs MLAs; Focus On Weak Booths, Understand The Whole Reason
भोपाल28 मिनट पहले
बीजेपी मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मास्टर प्लान को लेकर एक्शन मोड पर है। खास बात यह है कि पार्टी डिजिटल इलेक्शन मैनेजमेंट की तरफ बढ़ रही है। इसके लिए सरल एप के जरिए कई तरह की जानकारी जुटाई जा रही है। फोकस कमजोर और लगातार हारे हुए बूथों पर है। ऐसे बूथों के तहत कितने धार्मिक स्थल, जातियां और सामाजिक नेताओं का राजनीतिक प्रभाव है, यह जानकारी जुटाई जा रही है। कुल मिलाकर बीजेपी बूथ स्तर पर मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा-चर्च से जुड़ी हर बारीक सूचना अपने डाटा बैंक में ला रही है। इतना ही नहीं, धार्मिक आयोजन के कर्ताधर्ता, किस राजनीतिक दल को सपोर्ट करते हैं, उनका डेटा भी तैयार किया जा रहा है। यह जिम्मेदारी सांसद और विधायकों को दी गई है। भाजपा इस प्रयोग को इसलिए भी सफल मान रही है, क्योंकि इससे उसे यूपी में सफलता मिल चुकी है।
सरल एप पर काम कर रहे बीजेपी के एक पदाधिकारी ने बताया कि पूरी कवायद आने वाले समय में युवाओं को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने की है। उनके परिवार की जानकारी होने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पार्टी यह भी ध्यान रखेगी कि देश के ज्वलंत मुद्दों पर उनका ध्यान कितना है। किस तरह के पोस्ट कर रहे हैं या शेयर कर रहे हैं। इस तरह यह समझना आसान होगा कि किसी मुद्दे पर अपनी विचारधारा के लोगों में क्या प्रतिक्रिया है। इसे ध्यान में रखकर आगे की प्लानिंग की जाएगी।
कमजोर बूथों पर ज्यादा फोकस
बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि 2018 विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में जिन बूथों पर पार्टी कमजोर रही या अन्य पार्टियों से कम वोट मिले थे, उनको मजबूत किया जाए। सरल एप के माध्यम से केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति से लेकर उनके लाभार्थियों का डेटा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए पार्टी ने हाल ही में विधायक-सांसदों को सरल एप का टास्क दिया है। सरल एप को फुल-प्रूफ बनाने के लिए OTP प्रोटेक्टेड किया गया है। केवल अधिकृत व्यक्ति ही एप को ओपन कर सकते हैं। इसके लिए हर सांसद की तरफ से 20 और विधायक के 10 लोगों को अधिकृत किया गया है।
पिछले लोकसभा-विधानसभा परिणामों को बनाया आधार
पार्टी नेतृत्व ने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के परिणाम पर कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के मुताबिक कमजोर बूथों की सूची सांसदों और विधायकों को उपलब्ध करा दी है। उसी आधार पर डाटा अपलोड करने का कार्य किया जा रहा है। डाटा अपलोड होने के बाद पार्टी नेतृत्व संबंधित बूथों के कमजोर होने की वजह को दूर करने के लिए मार्गदर्शन करेगा। एप पर पूरी जानकारी उपलब्ध रहने से बूथ स्तर की मॉनिटरिंग प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकेगी।
बूथ अध्यक्ष की नियुक्ति तक एप बेस्ड सिस्टम से होगी
बीजेपी अब पार्टी को आगे बढ़ाने से लेकर प्रत्याशियों के चयन तक में एप बेस्ड सिस्टम का प्रयोग करेगी। पन्ना प्रमुख से लेकर बूथ अध्यक्ष की नियुक्ति और प्रत्याशियों का चयन इसी के जरिए किया जाएगा। गुजरात में पहले ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। हाल में हैदराबाद में आयोजित बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्य की इकाइयों को अपने चुनाव के प्रबंधन के लिए गुजरात मॉडल को अपनाने की सलाह दी है।
हर सदस्य का ब्योरा, कार-बाइक की कंपनी तक पूछ रहे हैं
बीजेपी अपने हर कार्यकर्ता और उसके परिवार की एक-एक बारीक जानकारी जुटा रही है। इसमें परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर से लेकर उनके व्यवसाय और कार या बाइक की कंपनी तक की जानकारी जुटाई जा रही है। इसकी सरल पोर्टल में एंट्री की जाएगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर भी किसी भी कार्यकर्ता के संबंध में एक क्लिक पर सभी जानकारी उपलब्ध हो सके।
मंदिर और मस्जिदों की जानकारी भी जुटा रही
कुछ दिन पहले ही बीजेपी में विधायक और सांसदों को सरल एप की ट्रेनिंग दी गई थी। इस एप में विधायक और सांसदों को उनके विधानसभा और संसदीय क्षेत्र के कमजोर बूथ की जानकारी देनी थी, लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक बीजेपी विधायक और सांसदों से उनके इलाके के मंदिर और मस्जिदों की जानकारी भी जुटा रही है। इतना ही नहीं उनके विधानसभा क्षेत्र में होने वाले प्रमुख धार्मिक आयोजनों की डिटेल भी विधायक और सांसदों को एप के जरिए देनी होगी।
क्या है सरल एप?
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने के लिए सरल एप बनाया है। इस एप में सभी विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र के 10 ऐसे बूथ की जानकारी देनी है जो कमजोर हैं या पिछले विधानसभा चुनाव में हार गए थे।
ये हमारे बूथ विस्तारक अभियान का नया रूप: भाजपा
भाजपा नेता राहुल कोठारी ने कहा कि भाजपा का जो बूथ विस्तारक अभियान था। वहीं, एक नए रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी ने अपनाया है। हमारे जो सांसद-विधायक जिन बूथों पर कमजोर थे, जहां उन्हें कम वोट मिले थे, उनका आकलन किया जा रहा है। सामाजिक, धार्मिक, भौगोलिक स्थिति का सही आकलन नेता के पास होगा तो वहां किस तरह काम करना है, इसकी रणनीति बनाई जा सकेगी। बीजेपी नेता का कहना है कि सबको योजनाओं का लाभ मिले और हमारा जो अंत्योदय का पथ है, उस पर हम आगे बढ़ते रहे, यही मकसद है।
सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रही बीजेपी: कांग्रेस
इधर, कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि बीजेपी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने, धर्म और जाति पर लोगों को बांटने और डरा-धमकाकर लोगों को खरीदने का काम कर रही है। इसके अलावा इनका और कोई काम नहीं है, जितनी भी बुराइयां और ऐब हो सकते हैं, भाजपा ये सब चुनाव में इस्तेमाल करेगी।
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