Hindi NewsLocalMpUjjain130 Courses Could Not Be Admitted, 1365 Admissions Were Done For 238 Courses In Three Months
उज्जैन8 मिनट पहले
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उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों से छात्रों की दूरी बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि करीब 30 अध्ययन शालाओं में संचालित 238 पाठ्यक्रमों के लिए तीन माह में 1365 छात्रों ने फीस जमा कर प्रवेश लेने की प्रक्रिया पूरी की है। हालांकि अलग-अलग कोर्स के लिए आवेदन की संख्या 2963 तक पहुंच गई है। हालत यह है कि जिस पाठ्यक्रमों में पिछले वर्ष क्षमता से अधिक आवेदन पहुंचे थे। ऐसे पाठ्यक्रमों में इस बार सीटें खाली है। चिंता की बात यह है कि करीब 130 से अधिक कोर्स में प्रवेश के लिए शुल्क जमा नहीं हुआ है। इस बार फिर विवि प्रशासन ने 30 सितंबर तक प्रवेश तिथि बढ़ाई है।
विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित अध्ययनशाला के पाठ्यक्रमों में इस वर्ष प्रवेश के लिए दो बार तिथि बढ़ाने के बाद अब तीसरी बार 30 अगस्त से अंतिम तिथि 30 सितंबर कर दी है। बावजूद इसके विश्वविद्यालय के कुछ पाठ्यक्रमों में अभी प्रवेश की स्थिति शून्य है। सीटें भरने के लिए ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तिथि बढ़ाई है। हालांकि यह स्थिति पहली बार नहीं बन रही है। इसके पहले भी विक्रम के पारंपरिक पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों की दूरी बराबर बनी हुई थी। उस दौरान भी छात्रों की अरुचि का एक मात्र कारण पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ ही विवि में संसाधनों की कमी और अकादमी स्तर पर व्यवस्था नहीं होने का रहा है। अधिकांश अध्ययन शालाओं में शिक्षकों की रुचि भी विद्यार्थियों को आकर्षित करने की नहीं रहती है, जिसके कारण हर साल अध्ययन शालाओं में प्रवेश की ऐसी स्थिति बनती है।
करीब 130 पाठ्यक्रमों में जीरो प्रवेश की स्थिति
विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं में इस वर्ष जिन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 20 मई से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं तीन महीने होने के बाद भी अध्ययनशाला के पारंपरिक कोर्स, नए शुरू हुए ऑनर्स कोर्स, पीजी डिप्लोमा और डिप्लोमा कोर्स के करीब 130 पाठ्यक्रमों में प्रवेश नही हो सके है। हालांकि विश्वविद्यालय के अधिकारी और शिक्षक अभी भी उम्मीद लगाए बैठे है कि रिक्त सीटों पर प्रवेश होगें।
मीडिया प्रभारी ने कहा अभी समय है सीटें भर जाएंगीविक्रम विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि अभी तिथि बढ़ाई है। विद्यार्थियों का रूझान तो है। सभी सीटों पर प्रवेश होगें। जो बच्चे प्रवेश के लिए आवेदन कर चुके है। ऐसे बच्चों की संख्या अधिक है। फीस भी जमा हो जाएगी।
नए पाठ्यक्रमों में भी छात्रों की रूचि नही-
विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए पिछले वर्ष करीब 180 पाठ्यक्रम और इस वर्ष के नए पाठ्यक्रम मिलाकर कुल 243 पाठ्यक्रम पारंपरिक, पीजी डिप्लोमा और डिप्लोमा कोर्स शुरू किए है। खास बात यह है कि पिछले वर्ष शुरू किए गए बीएससी आनर्स कृषि कोर्स में पहली बार रूझान दिखाई दिया था। सीटों की संख्या 300 से पार हो गई थी। इसी तरह एम टेक की विभिन्न ब्रांच में करीब 80 से अधिक प्रवेश हुए थे। इस बार एम टेक में प्रवेश भी नहीं हुए है।
इसी महीने नैक टीम सदस्यों का दौरा होना है
विक्रम विश्वविद्यालय में सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह के दौरान नैक टीम के पांच सदस्यीय दल के आने की सूचना मिली है। जाहिर है सदस्य विद्यार्थियों की स्थिति भी देखेंगे। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन 243 पाठ्यक्रमों का संचालन 30 अध्यनशालाओं में करने की जानकारी देने के साथ पाठ्यक्रमों में छात्रों की संख्या सदस्यों के सामने क्या रखेंगे यहां सोचने वाला विषय है ।
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