सागर8 मिनट पहले
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प्रतिकात्मक फोटो।
सागर के मोतीनगर थाना क्षेत्र के सनसनीखेज दुष्कर्म के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रकरण में विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट व नवम अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपचारी बालक को 2 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक व अति. जिला अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन ने की।
अभियोजन के मीडिया प्रभारी एडीपीओ सौरभ डिम्हा ने बताया कि 1 अगस्त 2017 को मोतीनगर थाना में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में बताया गया कि 31 जुलाई 2017 की रात फरियादी अपनी पत्नि, बच्चों के साथ सो रहा था। झोपड़ी के बाहर उसके पिता सो रहे थे। उसकी दो वर्षीय छोटी बच्ची भी सो रही थी। इसी दौरान अज्ञात आरोपी दो वर्षीय बेटी को उठाकर ले गया। घटना सामने आते ही बेटी की तलाश की गई। तभी फरियादी के पिता ने बताया कि लाल रंग के कपड़े पहने हुए कोई जाता हुआ दिखाई दिया था। पीड़िता के परिजनों ने मोहल्ले के लोगों की मदद से पीड़िता को तलाश किया। इसी दौरान पीड़िता पहाड़ी पर मिली, जो खून से लथपथ थी।
जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना पर पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई। परिवार वालों के बयान लिए। जांच के दौरान बाल अपचारी को गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने घटनाक्रम से जुड़े साक्ष्य पेश किए। प्रकरण में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने नाबालिग अपचारी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपचारी बालक की उम्र 16 साल से अधिक और 18 साल से कम है।
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