बैतूल15 मिनट पहले
कॉपी लिंक
बामसेफ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ का 31वां राज्य अधिवेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम की अध्यक्षता में दो सत्रों में आयोजित किया गया। अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अति पिछड़ा वर्ग मोर्चा नई दिल्ली राष्ट्रीय अध्यक्ष रामलखन सोनी प्रमुख रूप से मौजूद थे।
प्रथम सत्र के उद्घाटक पशु चिकित्सा मप्र सेवानिवृत्त उपसंचालक जीडी गुलबासे रहे। इस दौरान मुझे पढ़े लिखे लोगों ने धोखा दिया- डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर आगरा 18 मार्च 1956, जाति जागृति अंतिमतः ब्राह्मणवाद का भक्ष बनेगी एक गंभीर चिंता, मैं बहुत मुश्किल से इस कारवां को यहां तक लाया हूं इसको आगे ही बढ़ाते रहना यदि आगे नहीं ले जा सके तो वहीं पर छोड देना पर किसी भी परिस्थिति में पीछे मत जाने देना इन विषयों पर गंभीर पूर्वक मंथन किया गया।
बहुजन समाज को प्राप्त विशेष आरक्षण का अधिकार किया जा रहा खत्म
31वां राज्य अधिवेशन के द्वितीय सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि मूलनिवासी बहुजन समाज एससी, एसटी, ओबीसी में एकता कायम किए बगैर उनकी शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक एंव राजनैतिक समस्याओं का समाधान सम्भव नहीं है, ओबीसी की जाति आधारित जनगणना किए बगैर उनके संवैधानिक अधिकारों शैक्षिक, सामाजिक आर्थिक एवं राजनैतिक इत्यादि को दिलाना सम्भव नहीं है।
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के पश्चात ही मूलनिवासी बहुजन समाज को संवैधानिक अधिकार प्राप्त हुए हैं, किंतु देश की शासन व्यवस्था पर ब्राह्मणों का एकाधिकार स्थापित होने के कारण आज तक बहुजन समाज को शैक्षिक, सामाजिक , आर्थिक, राजनीतिक अधिकार हासिल नहीं हो सके हैं। यही नहीं बहुजन समाज का जो सबसे बड़ा हिस्सा ओबीसी है उसकी आज तक जाति आधारित जनगणना नहीं होने के कारण उन्हें किसी भी प्रकार का अधिकार प्राप्त नहीं हो सका है।
शासक जाति के द्वारा निजी करण एलपीजी जैसे घातक कानून बनाने की वजह से बहुजन समाज को प्राप्त विशेष आरक्षण का अधिकार भी खत्म किया जा रहा है। अंत में आभार प्रदेश महासचिव बामसेफ बीआर भूमरकर ने व्यक्त किया। अधिवेशन में डॉ.एनएल प्रजापति, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन रैकवाल, उपस्थित थे।
खबरें और भी हैं…