बैतूल38 मिनट पहले
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चेक बाउंस के तीन अलग-अलग मामलों में न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ 2-2 साल का सश्रम कारावास व प्रतिकर राशि अदा करने के आदेश दिए हैं। परिवादी श्रीराम फाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक राकेश धोटे ने ऋण धारियों से पूर्ण भुगतान नहीं मिलने व चेक बाउंस की स्थिति में न्यायालय की शरण ली थी। बकाया राशि का चेक बाउंस होने पर फाइनेंस कंपनी द्वारा वसूली के लिए न्यायालय में वाद दायर किया गया था। इसमें 2-2 साल का सश्रम कारावास एवं प्रतिकर राशि जमा करने के आदेश दिए।
फाइनेंस कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं ने बताया कि श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी के ऋण धारियों ने लोन की किस्त अदा करने के लिए कंपनी के नाम चेक दिया था। ऋण धारियों द्वारा दिए गए चेक का अनादर होने पर न्यायालय ने 3 अलग-अलग ऋणधारियों को दो-दो साल की सजा सुनाई और प्रतीकार राशि भी कम्पनी को देने का आदेश सुनाया, नहीं देने पर दो-दो माह की सजा अलग से सुनाई। उन्होंने बताया कि कम्पनी की ओर से शाखा प्रबंधक रकेश धोटे ने परिवाद प्रस्तुत कर साक्ष्य प्रस्तुत किए थे।
तीनों मामलों में लगभग 10 लाख के चेक हुए थे बाउंस
श्यामाकांत शर्मा पिता नेताराम शर्मा निवासी चक्कर रोड को दोषी पाते हुए प्रतीकार राशि 4 लाख 70 हजार कंपनी को देने का आदेश हुआ। ऋण धारी ने राशि 2 लाख 75 हजार 968 का चेक कंपनी को दिया था। युसूफ फजलानी पिता मो.फजलानी निवासी शंकर नगर को 5 लाख प्रतीकार राशि कंपनी को देने का आदेश हुआ। ऋण धारी ने 2 लाख 90 हजार का चेक कंपनी को प्रदान किया था। तीसरे मामले में राकेश पटेल पिता नन्दलाल पटेल निवासी शीतला माता मन्दिर सारनी पाथाखेड़ा के खिलाफ को 9 लाख 50 हजार रुपए कम्पनी को देने का आदेश हुआ। उक्त ऋणधारी ने कंपनी को 5 लाख 62 हजार 916 का चेक प्रदान किया था। तीनों ऋण धारियों ने श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था, लोन की राशि जमा नहीं की गई थी।
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