भोपाल28 मिनट पहले
भारत का 70 साल का इंतजार शनिवार सुबह 7.20 बजे खत्म हुआ। नामीबिया से 8 चीतों को लेकर विशेष विमान के ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड करते ही शहर में आतिशबाजी होने लगी। नए सदस्यों के आगमन पर लोग खुशी मनाते दिखे। विमान के पहुंचने के साथ ही पिंजरों में लाए गए चीतों को उतारा गया और उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर में रखकर कूनो के लिए रवाना किया गया। कूनो पहुंचने पर पूरा अमला नए सदस्यों के स्वागत में जुट गया। उधर, ग्वालियर में पीएम के विमान की लैंडिंग हुई। यहां से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से कूनो के लिए निकल गए। कूनो में चीतों को छोड़ने के बाद कराहल में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संबोधित किया। इस दौरान PM ने कूनो चीतों का जिक्र करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के मेरे भाइयों-बहनों, भारत सरकार ने आपको ये चीते इसलिए भेंट किए हैं, क्योंकि हमारा विश्वास आप पर ज्यादा है। मध्यप्रदेश ने कभी मेरे भरोसे पर आंच नहीं आने दी है और मैं जानता हूं कि श्योपुर के भाई-बहन भी मेरे विश्वास को टूटने नहीं देंगे। कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ दिया। बाड़े में जाते ही पहले तो चीते थोड़े सहमे रहे।
सुबह 7.20 बजे चीतों को लेकर विशेष विमान ग्वालियर में लैंड किया।
चीतों के पिंजरे को विशेष विमान से उतारा गया।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य की मौजूदगी में सभी चीतों को हेलीकॉप्टर में रखकर कूनो के लिए रवाना किया गया।
चीतों के ग्वालियर पहुंचने के थोड़ी ही देर बाद नई दिल्ली से प्रधानमंत्री अपने विशेष विमान से ग्वालियर के लिए रवाना हो गए।
चीतों को कूनो रवाना करने के कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड किया। यहां से वे सीधे कूनो के लिए रवाना हो गए।
इधर, नए सदस्यों के स्वागत के लिए जिला प्रशासन का पूरा अमला कूनो में सुबह से ही पहुंच गया था। प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही कूनो में कैंप किए हुए थे।
पीएम नरेंद्र मोदी के ग्वालियर पहुंचने पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया।
पीएम ने चीतों को बाड़े में छोड़ा, फिर देर तक निहारते रहेकूनो में प्रधानमंत्री के लिए 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्मनुमा मंच बनाया गया था। इसी मंच के नीचे पिंजरे में चीते थे। PM ने लीवर के जरिए बॉक्स को खोला। चीते बाहर आए, लेकिन अनजान जगह होने की वजह से सहमे-सहमे दिखे। सहमते कदमों के साथ उन्होंने इधर-उधर नजरें घुमाईं और चहलकदमी करने लगे। लंबे सफर की थकान चीतों पर साफ दिख रही थी। चीतों के बाहर आते ही PM मोदी ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। मोदी ने कुछ फोटो भी क्लिक किए। 500 मीटर चलकर मोदी मंच पर पहुंचे थे। उनके साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थे।
कूनो में बने 10 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्मनुमा मंच पर लगे चीतों के पिंजरों का लीवर घुमाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
पिंजरे से चीतों के निकलने पर उन्हें देखते पीएम।
बाड़े में चहलकदमी करते चीतों को निहारते पीएम।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अंदाज में चीतों का वेलकम किया।
कूनो के बाड़े में घूमता चीता।
कूनो में चीतों की सुरक्षा को लेकर चीता मित्रों से बात की।
सभा को संबोधित कर भावुक हुए प्रधानमंत्रीकूनो में चीतों को छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कराहल पहुंचे। यहां सभा को संबोधित करने के दौरान अपनी मां को याद कर वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा- अगर मेरे जन्मदिन पर कोई कार्यक्रम नहीं रहता तो मैं अपनी मां का पास जाता, उनके चरण छूकर आशीर्वाद लेता। आज मैं अपनी मां के पास नहीं जा सका, लेकिन आज जब मेरी मां देखेगी कि मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल की लाखों माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, तो उनको जरूर संतोष होगा। वे यहां महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद ग्वालियर के लिए रवाना हो गए। जाते-जाते कहा कि चीतों को आपके भरोसे छोड़कर जा रहा हूं। इसके बाद प्रधानमंत्री ग्वालियर और फिर वहां से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
कराहल में पीएम की सभा के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची।
स्व-सहायता समूहों की प्रदर्शनी को देखते हुए पीएम ने महिलाओं से बात की।
स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए आयोजित सभा में पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी।
देश में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई है। शनिवार को नामीबिया से 8 चीते भारत पहुंचे हैं। शेर को दहाड़ते और टाइगर को गरजते हुए आपने कई बार सुना होगा, पर चीतों की आवाज कैसी होती है, ये कम ही लोगों को ही पता होगा। नामीबिया से कूनो पहुंचे एक चीते की आवाज को इस वीडियो में सुनिए- कैसी है चीतों की आवाज, VIDEO:बिल्ली के जैसे गुर्राता और मिमियाता है चीता, नामीबिया से कूनो पहुंचे चीते की वॉइस
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