Hindi NewsLocalMpBhopal80% Of The Lights In Bhopal Are Chinese, Waterfall, Heart And Laser Light Are Available In Thousand Rupees
भोपाल38 मिनट पहले
दो साल बाद एक बार फिर से दीपावली पर भारतीय बाजार में चाइनीज आइटम ने कब्जा कर लिया है। भारत-चीनी सैनिकों के बीच हुए विवाद के बाद लोगों ने चाइनीज आइटम का जोर-शोर से बहिष्कार किया था। हालांकि पिछले साल दिवाली पर इसका असर भी देखने को मिला था। प्रधानमंत्री के देशी आइटम के उपयोग के आह्वान के बाद भी इस बार लाइटिंग और साज-सज्जा के ज्यादातर आइटम चाइनीज ही नजर आ रहे हैं। भोपाल में सजावटी सामग्री का करीब 80% मार्केट पर यही नजर आए रहे हैं। भोपाल के थोक बाजार जुमेराती और घोड़ा नक्काश से भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट…
दिल्ली से आता है माल
व्यापारी संतोष दुबे ने बताया कि दो साल बाद मार्केट में रौनक लौटी है। अभी करीब 80% माल चीनी है। सभी तरह की लाइट और सामान मुख्य रूप से चाइनीज है। भोपाल में मुख्य रूप से चीनी सामान दिल्ली से आता है। कुछ दुकानदार लोकल मार्केट से भी खरीदते हैं। लोग भी भारतीय लाइटिंग का सामान मांगते हैं, लेकिन ज्यादातर चाइनीज आइटम ही पसंद करते हैं।
लेजर लाइट, जिससे कई तरह की रंग-बिरंगी रोशनी के साथ डिजाइन बनती है।
हजार रुपए में पूरा घर सजा लो
अभी मार्केट में कई तरह की लाइटिंग नए-नए तरह से आ रही हैं। इसमें झरना से लेकर ड्रॉप (यानी पानी की बूंदों की तरह) लाइट और लेजर लाइट तक हैं। चाइनीज आइटम होने के कारण यह बहुत सस्ती हैं। सिर्फ हजार रुपए में पूरा घर तरह-तरह की लाइट से सजाया जा सकता है।
सस्ता और फिनिशिंग अच्छी होती है
संतोष ने बताया कि चाइनीज आइटम 50 रुपए से शुरू होता है। इतने में 80 फिट की सीरीज मिल जाती है। लोग तीन सीरीज से ही पूरा घर सजा लेता है। यह छोटे घर से लेकर बड़े घर, और गार्डन तक की डिजाइन और जरूरत के अनुसार होते हैं। सस्ते होने के साथ ही इनकी फिनिशिंग अच्छी रहती है। भारतीय सीरीज में 50 रुपए तो कारीगर ले लेगा। 50 रुपए के बल्ब आएंगे। उसे रेडी करो। दो घंटे अलग से लग जाएंगे। इस कारण ग्राहक ज्यादातर चाइनीज सामान ही ले रहा है।
ड्रॉप एंड कई तरह की अलग-अलग आकर्षक आकार वाली लाइटिंग।
चाइनीज सस्ता होने के कारण ले रहे
सामान लेने पहुंचे ग्राहक सुखदेव बोले- चाइनीज आइटम की जो फिनिशिंग होती है, वह भारतीय सामान में नहीं होती है। भारत की अपेक्षा चीनी माल सस्ता रहता है। भारतीय और चीनी दोनों सामान लेते हैं, लेकिन सस्ता होने के कारण चीनी सामान ज्यादा लेते हैं।
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